सेंट्रल:: काजल के 152 नग के साथ आरोपित गिरफ्तार

विकासनगर थाना सहसपुर अंतर्गत धर्मावाला चौकी पुलिस ने उत्तर प्रदेश की सीमा दर्रारीट चेकपोस्ट पर प्रतिबंधित काजल के नग के साथ दो आरोपितों को गिरफतार किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:21 PM (IST)
सेंट्रल:: काजल के 152 नग के साथ आरोपित गिरफ्तार
सेंट्रल:: काजल के 152 नग के साथ आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, विकासनगर: थाना सहसपुर अंतर्गत धर्मावाला चौकी पुलिस ने उत्तर प्रदेश की सीमा दर्रारीट चेकपोस्ट पर चेकिग के दौरान प्रतिबंधित वन उपज काजल से भरी स्कॉर्पियो पकड़ी। पुलिस ने प्रतिबंधित वन उपज काजल के 152 नग के साथ हिमाचल प्रदेश के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपित प्रतिबंधित वन उपज के नग पुरोला उत्तरकाशी से खरीद कर ला रहे थे, जिन्हें सहारनपुर ले जाकर कटोरे तैयार कर तिब्बत भेजने की योजना थी। पुलिस जांच में पता चला कि प्रतिबंधित लकड़ी से बने कटोरे बौद्ध धर्म से जुड़े समुदाय के विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों में काम आते हैं। बौद्ध धर्म गुरुओं और बौद्ध भिक्षुओं के खाने व पीने से लेकर अन्य कई कार्यों में भी इसका उपयोग किया जाता है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

बुधवार को धर्मावाला चौकी पुलिस दर्रारीट चेकपोस्ट पर चेकिग कर रही थी, इसी दौरान चौकी प्रभारी दीपक मैठाणी ने स्कॉर्पियो को रोका, शक होने पर तलाशी लेने पर उसके अंदर से प्रतिबंधित वन उपज के 152 नग बरामद किए गए। पुलिस ने मौके पर कालसी वन प्रभाग की टीम को बुलाया। वन कर्मियों ने लकड़ी को वन उपज काजल की बताया, जो प्रतिबंधित श्रेणी में आती है। पुलिस ने वाहन में सवार दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने अपनी पहचान देशराज चौहान पुत्र संतराम निवासी ग्राम कोकना थाना नेरवा जिला शिमला हिमाचल प्रदेश व रजत पुत्र सुभाष निवासी ग्राम बौटीनाला थाना रोहड़ू शिमला हिमाचल के रूप में बताई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम में कार्रवाई कर वाहन को सीज कर दिया। थानाध्यक्ष सहसपुर नरेंद्र गहलावत के अनुसार पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने प्रतिबंधित वन उपज काजल (बोटनिकल नाम एसियर सीजियम) की लकड़ी को पुरोला उत्तरकाशी से खरीद कर लाने की बात स्वीकार की। आरोपितों ने बताया कि लकड़ी को सहारनपुर ले जाकर कटोरेनुमा बर्तन तैयार कर तिब्बत भेजने की योजना थी। काजल से बने कटोरों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिल जाती है। टीम में धर्मावाला चौकी के सिपाही त्रेपन, मोहन, तेजपाल, मोनू, श्याम, वन कर्मी नितिन कुमार, रंजीत बिष्ट आदि भी शामिल रहे।

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