उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड की सचिव पर लगाया धमकाने का आरोप, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से कार्यमुक्त किए गए वाहन चालक व प्रभारी वरिष्ठ सहायक संदीप मौर्य ने श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर बोर्ड की सचिव पर धमकाने का आरोप लगाया है। वाहन चालक ने पत्र में लिखा निराधार आरोप लगाते हुए 14 जून को कार्यमुक्त कर दिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से कार्यमुक्त किए गए वाहन चालक व प्रभारी वरिष्ठ सहायक संदीप मौर्य ने श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर बोर्ड की सचिव पर धमकाने का आरोप लगाया है। वाहन चालक ने पत्र में लिखा है कि बोर्ड सचिव ने निराधार आरोप लगाते हुए उन्हें 14 जून को कार्यमुक्त कर दिया। बोर्ड अध्यक्ष के आदेश पर वह 16 जून को बोर्ड कार्यालय पहुंचे। कार्यालय के बाहर कुछ कर्मचारी खड़े थे, जिसके बाद उन्होंने सचिव से मुलाकात की। थोड़ी ही देर बाद सचिव ने अपने कक्ष में बुलाया व कहा कि उन्हें बोर्ड कार्यालय से कार्यमुक्त किया जा चुका है, इसलिए वापस चले जाएं। जब सचिव से बात की तो उन्होंने धमकाना शुरू कर दिया और जेल भेजने की धमकी दी।
दूसरी ओर संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ व राजकीय वाहन चालक महासंघ संदीप कुमार मौर्य व सुरेश फत्र्याल के पक्ष में उतर गए हैं। दोनों संगठनों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तुरंत दोनों वाहन चालकों की बहाली की मांग की है। संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ के अध्यक्ष हरीश कोठारी ने कहा कि दोनों मामलों में अधिकारियों ने झूठे आरोप लगाकर उनकी सेवाएं समाप्त की हैं। वहीं, राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष अनंतराम शर्मा ने कहा कि दोनों मामलों में साजिश के तहत दोनों चालकों को फंसाया गया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई जाए।
श्रम आयुक्त ने सचिव से मांगा जवाब
वाहन चालक व प्रभारी वरिष्ठ सहायक को कार्यमुक्त करने पर श्रम आयुक्त ने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड की सचिव से कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा है। श्रम आयुक्त की ओर से बिंदु यदि संदीप मौर्य को हिंदी या अंग्रेजी किसी भी प्रकार की टाइपिंग का ज्ञान नहीं है और वह प्रशासनिक व वित्तीय कार्य करने में सक्षम नहीं है तो इसके साक्ष्य उपलब्ध करवाएं जाएं। बोर्ड कार्यालय में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों की ओर से अवगत कराया गया है कि संदीप मौर्य ने अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद कार्यालय में रखी सामग्री व पत्रावलियों की फोटोग्राफी कर बाहर भेजी।
इस संबंध में सूचना उपलब्ध कराने वाले उपनल कर्मचारियों के नाम व बयान और सामग्री बाहर कहां भेजी गई, साक्ष्य सहित उपलब्ध कराएं। मौर्य ने 15 जून के अपने पत्र से अवगत कराया है कि अभी तक तक उन्हें बोर्ड का विधिवत चार्ज नहीं दिया गया है। कार्यमुक्त करने से पूर्व अध्यक्ष से भी अनुमति नहीं ली गई। श्रम आयुक्त ने सचिव को स्पष्ट करने को कहा गया है कि मौर्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है या नहीं। यदि स्पष्टीकरण लिया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। यह भी अवगत कराएं कि मौर्य को अपना पक्ष रखने के लिए कितना समय दिया गया। यदि स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया तो सीधे उनका पक्ष जाने बिना एकतरफा कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से कार्यमुक्त करना गलत है।
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