उत्तराखंड में भारतीय संगीत की निश्शुल्क शिक्षा देगा आशिक अली खां ट्रस्ट, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में भारतीय संगीत की शिक्षा को जन-जन तक निश्शुल्क पहुंचाएगा। यह बात ट्रस्ट के अध्यक्ष उस्ताद अशरफ अली खान ने मंगलवार को दून में पत्रकारों से वार्ता में कही। उन्होंने ये भी कहा कि इस अमूल्य धरोहर से युवा पीढ़ी को जुड़ना चाहिए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:02 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:02 PM (IST)
उत्तराखंड में भारतीय संगीत की निश्शुल्क शिक्षा देगा आशिक अली खां ट्रस्ट, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में भारतीय संगीत की निश्शुल्क शिक्षा देगा आशिक अली खां ट्रस्ट, पढ़िए पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आशिक अली खां ट्रस्ट जल्द ही उत्तराखंड में भारतीय संगीत की शिक्षा को जन-जन तक निश्शुल्क पहुंचाएगा। यह बात ट्रस्ट के अध्यक्ष उस्ताद अशरफ अली खान ने मंगलवार को दून में पत्रकारों से वार्ता में कही। उन्होंने ये भी कहा कि इस अमूल्य धरोहर से युवा पीढ़ी को जुड़ना चाहिए।

दिल्ली से दून पहुंचे उस्ताद अशरफ अली खान ने मालवीय रोड स्थित माता मंदिर में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि वह दिल्ली में आमजन को भारतीय संगीत की शिक्षा निश्शुल्क देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देवी देवताओं ने डमरू, वीणा, बांसुरी आदि के माध्यम से संसार में संगीत रूपी ज्ञान को फैलाया। इस अमूल्य धरोहर से युवा पीढ़ी को जुड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि वह संगीत के केराना घराने से हैं।

वह 21 साल से ट्रस्ट के माध्यम से गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। उनकी एक छात्रा वसुंधरा रतूड़ी देहरादून से हैं, जिन्हें कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा एक छात्र तन्मय चतुर्वेदी लखनऊ से हैं, जो टीवी प्रोग्राम सारेगामा में विनर रहे हैं। इस दौरान नेताजी संघर्ष समिति की ओर से उस्ताद अशरफ अली खान का स्वागत किया गया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता, राम सिंह प्रधान, प्रभात डंडरियाल, अरुण, मनोज सिंघल, भारत शर्मा, अभिषेक, रवि किरण आदि उपस्थित रहे।

मांग पूरी न होने पर राज्य आंदोलनकारियों में रोष

कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक पर मंगलवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के प्रति रोष प्रकट किया। उन्होंने समान पेंशन, जिलों में चिह्नीकरण, 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य मांगें पूरी न होने पर नाराजगी जताई है। कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वहीं 30 अक्टूबर को आंदोलनकारियों ने सशक्त भू-कानून को लेकर गांधी पार्क के बाहर धरना देेने का निर्णय लिया।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि शासनादेश जारी होने के बाद भी जिलों में आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और न ही जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया। मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि आंदोलनकारियों को गुमराह किया जा रहा है। सरकार ने कैबिनेट में अबतक राज्य आंदोलनकारियों के मामले नहीं रखे। बैठक के बाद आंदोलनकारियों ने दो मिनट का मौन रख शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच के महासचिव रामलाल खंडूड़ी, बलबीर नेगी, पूरण सिंह लिंगवाल, वेद प्रकाश शर्मा, चंद्र किरण राणा, सुरेश नेगी, विक्रम भंडारी, शकुंतला रावत, सरोज रावत, सुलोचना भट्ट, शांति शर्मा आदि मौजूद रहे।

मातृशक्ति कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत

कैंट विधानसभा क्षेत्र स्थित मच्छी तालाब में कांग्रेस ने महिला सम्मेलन 'हमें आप पर गर्व है' आयोजित किया। कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया ने महिलाओं से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को 40 फीसद टिकट देने की बात की है। कांग्रेस ने ही देश को पहली महिला प्रधानमंत्री, पहली महिला राष्ट्रपति, पहली महिला लोकसभा स्पीकर भी दी हैं। कांग्रेस हमेशा महिलाओं का सम्मान करती है। इस अवसर पर वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी रहीं संतोष सैनी, हरमेश कौर, माला, बाबी, अमन सिंह, महेंद्र, मोहम्मद असलम, पंकज रावत, सूरज पंवार आदि मौजूद रहे।

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