ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों को आज भी आवास का इंतजार

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों कोपीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास का इंतजार है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 04:07 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 04:07 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों को आज भी आवास का इंतजार
ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों को आज भी आवास का इंतजार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों को आवास का इंतजार है। पूर्व में 2011 की जनगणना के आधार पर किए गए लाभार्थियों के चयन में ये सभी छूट गए थे। सहकारिता राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा में हुई ग्राम्य विकास की समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया। इस पर डॉ. रावत ने छूट गए लोगों को लाभान्वित करने के मद्देनजर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। 

डॉ. रावत के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की समीक्षा के दौरान ये बात सामने आई कि इस योजना में 13 हजार लाभार्थियों का चयन किया गया था। इनमें से 90 फीसद को भवन मिल चुके हैं और शेष जल्द ही पूरे हो जाएंगे। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद छूटे लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जाएगा। 

लोनिवि को हस्तांतरित होंगी सड़कें 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की समीक्षा में बताया गया कि श्रीनगर विस क्षेत्र और पौड़ी जिले में पीएमजीएसवाई के तहत बनी कई सड़कों को पांच साल पूरे हो चुके हैं। इनके डामरीकरण व रखरखाव के लिए धनराशि नहीं मिली है। राज्यमंत्री डॉ. रावत ने निर्देश दिए कि इन सड़कों को तुरंत लोनिवि को हस्तांतरित कर दिया जाए, ताकि इनके सुदृढ़ीकरण को कदम उठाए जा सकें। 

एसएचजी को सहकारी बैंकों से ऋण 

डॉ.रावत के अनुसार राज्य में गठित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)को रिवाल्विंग फंड से धन मिल पाने की बात भी सामने आई। इसे देखते हुए तय हुआ कि सभी एसएचजी को सहकारी बैंकों से जोड़कर उन्हें पांच लाख तक के ब्याजमुक्त ऋण मुहैया कराए जाएं। इस सिलसिले में जल्द ही ग्राम्य विकास और सहकारिता विभाग की बैठक होगी। 

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पंचायत प्रतिनिधियों को मनरेगा प्रशिक्षण 

मनरेगा की समीक्षा में डॉ. रावत ने निर्देश दिए कि त्रिस्तरीय पंचायतों के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को मनरेगा की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं। मनरेगा में होने वाले कार्यों की जानकारी मिलने पर पंचायतें इन्हें अपने यहां करा सकेंगी। 

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कुशल-अकुशल श्रमिकों का चिह्नीकरण 

ग्राम पंचायतों में कुशल और अकुशल श्रमिकों के मामले में आने वाली दिक्कतों के मद्देनजर इनके चिह्नीकरण का बैठक में निर्णय लिया गया। बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

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