सरसों के तेल के 88 फीसद सैंपल मिलावटी, स्पेक्स संस्था ने दून समेत इन बाजारों से लिए 469 सैंपल

बाजार में बिक रहा खाद्य तेल (सरसों का तेल) भी मिलावट से अछूता नहीं है। देहरादून ही नहीं बल्कि नैनीताल अल्मोड़ा पिथौरागढ़ गोपेश्वर समेत अन्य जगह मिलावटी खाद्य तेल की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसका खुलासा स्पेक्स की जांच रिपोर्ट में हुआ है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:31 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:31 PM (IST)
सरसों के तेल के 88 फीसद सैंपल मिलावटी, स्पेक्स संस्था ने दून समेत इन बाजारों से लिए 469 सैंपल
स्पेक्स संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि इन सभी सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई।

जागरण संवाददाता, देहरादून: बाजार में बिक रहा खाद्य तेल (सरसों का तेल) भी मिलावट से अछूता नहीं है। देहरादून ही नहीं बल्कि नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, गोपेश्वर समेत अन्य जगह मिलावटी खाद्य तेल की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसका खुलासा स्पेक्स की जांच रिपोर्ट में हुआ है। दरअसल, संस्था से जुड़े स्वयंसेवियों ने सरसो के तेल में मिलावट की जांच के लिए जून से सितंबर तक अभियान चलाया। इस दौरान देहरादून, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी, रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, पिथौरागढ़, काशीपुर आदि स्थानों से सरसों के तेल के 469 नूमने एकत्र किए गए। इनमें से 415 यानी 88 फीसद नमूनों में मिलावट मिली है।  

स्पेक्स संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि इन सभी सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई। मसूरी, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेश्वर व अल्मोड़ा से सरसों के तेल के जो सैंपल लिए गए थे उनमें शत-प्रतिशत सैंपल में मिलावट मिली है। जबकि जसपुर में सबसे कम 40 फीसदी और काशीपुर में 50 फीसदी नमूनों में मिलावट पाई गई है। इसके अलावा उत्तरकाशी में 95 फीसदी, देहरादून में 94 फीसदी, पिथौरागढ़ में 91 फीसदी, हल्द्वानी व टिहरी में 90 फीसदी, श्रीनगर, विकासनगर व डोईवाला में 80 फीसदी, नैनीताल में 71 फीसदी, हरिद्वार में 65 फीसदी व रुद्रपुर में 60 फीसदी नमूनों में मिलावट मिली है। उन्होंने बताया कि इस जांच रिपोर्ट को शासन-प्रशासन को भेजा जाएगा, ताकि मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

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किस तरह की मिलावट

डा. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि सरसों के तेल में पीला रंग यानी मेटानिल पीला, सफेद तेल, कैस्टर आयल, सोयाबीन, मूंगफली व कपास के बीज का तेल व हेक्सेन की अधिक मिलावट मिली है। कुछ सैंपल में आर्जीमोन तेल की मिलावट पाई गई है।

स्वास्थ्य को नुकसान

मिलावटयुक्त सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इससे पाचन तंत्र संबंधी रोग के अलावा शरीर में सूजन, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, जलन आदि बीमारियां हो सकती है।

कैसे करें जांच

डा. शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति घर में ही सरसों के तेल में मिलावट की जांच कर सकता है। इसके लिए तेल की कुछ मात्रा लेकर दो-तीन घंटे के लिए फ्रिज में रख देना चाहिए। यदि तेज में कुछ सफेद (घी जैसा) जम जाता है तो यह तेल मिलावटी है। इसके अलावा तेल को उबालने पर ऊपर की परत में झाग स्थाई रूप से रहे तो यह भी मिलावट की निशानी है।

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