चौसाल के पास छानी में लगी आग, 68 मवेशी जिदा जले
चकराता बावर क्षेत्र के सीमांत चौसाल गांव के पास दो ग्रामीण पशुपालकों की छानी में आग लगने से कुल 68 बकरियां जिंदा जल गई।
संवाद सूत्र, चकराता: बावर क्षेत्र के सीमांत चौसाल गांव के पास दो ग्रामीण पशुपालकों की छानी में आग लगने से वहां मौजूद 68 मवेशियां जिदा जल गई। भीषण आग लगने से छानी जलकर राख हो गई, जिससे प्रभावित पशुपालकों को लाखों का नुकसान हुआ है। घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। सूचना के बाद राजस्व उपनिरीक्षक सुरेशचंद जिनाटा मौके पर पहुंचे और नुकसान का आंकलन कर जांच रिपोर्ट तहसीलदार के माध्यम से उपजिलाधिकारी चकराता को प्रेषित की।
सीमांत त्यूणी तहसील से जुड़े चौसाल निवासी मोहन सिंह और स्याणा सुंदर सिंह राणा की गांव से कुछ दूरी पर छानी है, जहां वह अपनी मवेशियों को बांधते हैं। रोज की तरह वह शाम को जंगल से चरान-चुगान के बाद मवेशियों को छानी में बांधकर घर चले गए। इस दौरान रात में इन दो ग्रामीण पशुपालकों की छानी में आग लग गई। लकड़ी और टीन से निर्मित बकरियों के बाड़े में भीषण आग लगने से उठ रही आग की लपटें देख आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। आग की चपेट में आने से छानी में बंधी 68 बकरियां जिदा जल गई। जबकि छानी जलकर राख हो गई। कूणा के क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार ने कहा कि प्रभावित पशुपालक मवेशी पालन के जरिये अपने घर-परिवार का खर्चा चलाते हैं। आगजनी की इस घटना में एक साथ बड़ी संख्या में मवेशी मरने से प्रभावित पशुपालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया, जिससे नुकसान की भरपाई करना उनके लिए मुश्किल होगा। पशुपालन व्यवसाय से जुड़े पीड़ित परिवारों के पास अब कोई मवेशी नहीं बची। उन्होंने शासन-प्रशासन से पीड़ित पशुपालकों को नुकसान के एवज में उचित मुआवजा देने की मांग की है। राजस्व उपनिरीक्षक सुरेश जिनाटा ने कहा कि आग लगने की इस घटना से प्रभावित पशुपालकों को क्षति हुई है। राजस्व विभाग ने नुकसान की जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों की प्रेषित की है।