हेस्को संस्थापक डॉ. जोशी बोले, जीडीपी में प्राकृतिक संसाधन का 50 फीसद योगदान
हेस्को के संस्थापक पर्यावरणविद् और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। भारत में प्राकृतिक संसाधन देश की जीडीपी (Gross domestic product) में 50 फीसद योगदान करते हैं।
देहरादून, जेएनएन। हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और सुरक्षा संगठन (हेस्को) के संस्थापक पर्यावरणविद् और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। भारत में प्राकृतिक संसाधन देश की जीडीपी (Gross domestic product) में 50 फीसद योगदान करते हैं। शनिवार को यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सौजन्य से विवि के ग्रीन उप क्लब की वेबिनार में उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना ने दिखा दिया है कि हमें प्रकृति के प्रति अपने दृष्टिकोण को फिर से परिभाषित करना होगा। हमें इससे लड़ने की कोशिश करने के बजाए खुद को प्रकृति के साथ समायोजित करने की आवश्यकता है। पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के उपभोक्ताओं के रूप में हमें इसके संरक्षण और दोबारा पूर्ति में भी योगदान देना होगा। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. आरबीएस रावत ने केंद्र सरकार के जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर कठिन तथ्यों को वेबिनार में साझा किया।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी में एक लाख से अधिक प्रजातियों को नुकसान हुआ है। जितना अधिक हम अपनी जलवायु को बाधित करते हैं, उतना ही हम गंभीर, व्यापक और अपरिवर्तनीय प्रभाव का जोखिम उठाते हैं। प्रोफेसर विभागाध्यक्ष सेंटर फार इकोलॉजिकल इकोनोमिक्स एंड प्राकृतिक संसाधन बंगलुरु डॉ.सुनील नौटियाल ने जलवायु परिवर्तन और उनके पीछे प्रमुख कारणों के अपने अनुभव साझा किए।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर को झटका, जानिए कितने फीसद की आई गिरावट
अनिल जोशी ने का कहना है कि आज दुनिया में जो बदलाव हो रहे हैं। वे जलवायु कारकों के बजाए आर्थिक कारकों से प्रेरित हैं। यूपीईएस ने अपनी वार्षिक कार्यक्रम वातावरण व ओजोन संरक्षण को शनिवार को बिधौली परिसर में अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस आयोजित किया।