कोरोना जांच के बाद छात्रावास पहुंची 36 छात्राएं

त्यूणी कोरोनाकाल में अनलॉक का चरण शुरू होने से बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए शिक्षण संस्थानों को खोला जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 02:38 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 02:38 AM (IST)
कोरोना जांच के बाद छात्रावास पहुंची 36 छात्राएं
कोरोना जांच के बाद छात्रावास पहुंची 36 छात्राएं

संवाद सूत्र, त्यूणी: कोरोनाकाल में अनलॉक का चरण शुरू होने से बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए शिक्षण संस्थानों को खोल दिया गया। जिससे सीमांत त्यूणी तहसील में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत बने बालिका छात्रावास में 36 छात्राओं को कोरोना जांच के बाद प्रवेश दिया गया। लॉकडाउन के बाद काफी समय से बंद पड़े त्यूणी हॉस्टल को छात्राओं के लिए खोलने से उनकी पढ़ाई शुरू हो गई। प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्रावास में कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह पालन किया जा जा रहा है। इस संबंध में हॉस्टल वार्डन को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

सीमांत तहसील क्षेत्र के सबसे अधिक छात्रसंख्या वाले आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी में करीब सात सौ ग्रामीण विद्यार्थी अध्ययनरत है। इसमें करीब तीन सौ छात्र-छात्राएं 10वीं व 12वीं के पंजीकृत हैं जो बोर्ड परीक्षार्थी हैं। कोरोना महामारी के चलते सरकार ने बीते मार्च माह में लॉकडाउन के दौरान सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया। अनलॉक का चरण शुरू होने से अब सभी शिक्षण संस्थानों को खोला जा रहा है। इसी कड़ी में रमसा के तहत त्यूणी के तहत बने एससी-एसटी बालिका छात्रावास को बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए खोल दिया गया। छात्रावास खुलने से सीमांत क्षेत्र की बालिकाओं के हॉस्टल आने का सिलसिला शुरू हो गया। सौ बैड क्षमता वाले इस छात्रावास में गरीब परिवार से जुड़ी आरक्षित वर्ग की ग्रामीण छात्राओं के ठहरने, खाने व पढ़ाई की निश्शुल्क व्यवस्था है। विद्यालय के प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव ने कहा कि त्यूणी में बालिकाओं की सुविधा को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और रमसा के तहत दो छात्रावास बने हैं। दोनों हॉस्टल में बालिकाओं के लिए सौ-सौ सीटें निर्धारित है। कोविड-19 के मानकों के तहत शिक्षण संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। 32 कक्ष के छात्रावास के प्रत्येक रूम में तीन से चार बेड लगे थे। कोविड-19 के नियमों का पालन करने को अब प्रत्येक कक्ष में दो-दो बेड लगाए गए हैं। कहा कि रमसा के हॉस्टल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बालिकाओं के ठहरने की व्यवस्था है, जबकि उसके बगल में बने दूसरे हॉस्टल कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में कक्षा छह से आठवीं तक के बालिकाओं के ठहरने की व्यवस्था है।

chat bot
आपका साथी