Chardham: चारधाम के पुराने मार्गों को खोजेगा 25 सदस्यीय दल, 1200 किलोमीटर का सफर करेगा तय

चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यीय टीम को रवाना हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें हरी झंडी दिखाई। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने द ट्रैक हिमालय के साथ मिलकर ये अभियान शुरू किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:02 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 03:04 PM (IST)
Chardham: चारधाम के पुराने मार्गों को खोजेगा 25 सदस्यीय दल, 1200 किलोमीटर का सफर करेगा तय
Chardham: चारधाम के पुराने मार्गों को खोजेगा 25 सदस्यीय दल।

राज्य ब्यूरो, देहरादून।  प्रदेश में चारधाम के पुराने यात्रा मार्ग फिर से पर्यटन के नक्शे पर नजर आएंगे। इन मार्गों की खोज को उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और ट्रेक द हिमालय का संयुक्त दल रवाना हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 सदस्यीय इस दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से दल को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह गर्व का क्षण है कि उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए हमारे पास युवा बल है। यह पहल राज्य की सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होम स्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।

अभियान की जानकारी देते हुए सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि यह दल पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा। दल द्वारा यह खोज अभियान 50 दिनों तक चलाया जाएगा। इस दौरान यह दल पुराने चारधाम के साथ ही शीतकालीन चारधाम मार्ग को खोजने का काम भी करेगा।

इस अवसर पर अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी कुमार (सेनि) व अपर निदेशक विवेक चौहान व पूनम चंद भी मौजूद थे।

यात्रा मार्ग से परिचित होगी युवा पीढ़ी

श्रीचारधाम पैदल यात्रा वृतांत के लेखक वेदिका वेद ने चारधाम यात्रा के पुराने पैदल मार्गों को लेकर शुरू किए गए अभियान की सराहना की और कहा कि ऐसे अभियान समय-समय पर चलाए जाने चाहिएं। इससे युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों द्वारा अपना गए यात्रा मार्ग से भिज्ञ हो सकेगी। साथ ही इनका अनुसरण भी करेगी। गौरतलब है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की पहल पर लेखक वेदिका वेद ने वर्ष 2018 में चारधाम के पुराने पैदल मार्गों पर स्वयं यात्रा के बाद ग्रंथ प्रकाशित किया। परिषद ने उनके श्रीचारधाम पैदल यात्रा वृतांत संकलन ग्रंथ को 2019 में पुरस्कृत किया गया था। अभियान दल में शामिल सदस्यों ने भी इस ग्रंथ का अध्ययन किया है।

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