उत्तराखंड में नगर निकायों और पंचायतों पर धनवर्षा, 238 करोड़ जारी

सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही के लिए राज्य की सभी 13 जिला पंचायतों 95 क्षेत्र पंचायतों 7954 ग्राम पंचायतों और आठ नगर निगम 41 नगर पालिका परिषद और 41 नगर पंचायतों के लिए 238 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:45 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:45 AM (IST)
उत्तराखंड में नगर निकायों और पंचायतों पर धनवर्षा, 238 करोड़ जारी
उत्तराखंड में नगर निकायों और पंचायतों पर धनवर्षा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना संकट के बावजूद राज्य के शहरी और ग्रामीण निकायों में बजट की कोई कमी नहीं रहेगी। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही के लिए राज्य की सभी 13 जिला पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों, 7954 ग्राम पंचायतों और आठ नगर निगम, 41 नगर पालिका परिषद और 41 नगर पंचायतों के लिए 238 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की है। इस संबंध में मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिए गए। इस राशि का उपयोग निकायों व पंचायतों में वेतन-भत्तों के साथ ही विभिन्न विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।

त्रिस्तरीय नगर निकायों और पंचायतों में चालू वित्तीय वर्ष में बजट की कमी न रहे, इसे देखते हुए सरकार ने पांचवें वित्त आयोग की संस्तुतियों की प्रत्याशा में चतुर्थ वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप धनराशि जारी की है। नगर निकायों को सबसे अधिक 148 करोड़ 23 लाख 89 हजार रुपये की राशि जारी की गई है। इनमें नगर निगमों के लिए 66 करोड़ 32 लाख 92 हजार, नगर पालिका परिषदों के लिए 65 करोड़ 54 लाख 21 हजार की राशि शामिल है। इसके अलावा 38 निर्वाचित नगर पंचायतों के लिए 15 करोड़ 86 लाख 76 हजार और तीन गैर निर्वाचित पंचायतों के लिए 50 लाख रुपये की राशि जारी की गई है।

त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 90 करोड़ 24 लाख 84 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इनमें जिला पंचायतों के लिए 42 करोड़ 64 लाख 84 हजार, क्षेत्र पंचायतों के लिए 20 करोड़ 40 लाख और ग्राम पंचायतों के लिए 27 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि शामिल है।

अल्मोड़ा में वेतन, पेंशन व मानदेय का ही भुगतान

अल्मोड़ा जिले में विधानसभा की सल्ट सीट के उपचुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। इसे देखते हुए आचार संहिता की अवधि में अल्मोड़ा में त्रिस्तरीय नगर निकायों व पंचायतों के लिए जारी राशि का उपयोग कार्मिकों के वेतन, पेंशन व जनप्रतिनिधियों के मानदेय के भुगतान को छोड़कर अन्य कार्यों में नहीं किया जाएगा। आदेश के मुताबिक इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जाएगा। ऐसी कोई स्थिति संज्ञान में आने पर इसका उत्तरदायित्व संबंधित विभाग व अधिकारी का होगा।

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