उत्तराखंड पुलिस को मिला पहला महिला कमांडो दस्ता, 22 महिला कर्मियों ने शिफूजी से लिया कड़ा परिश्रम

उत्तराखंड पुलिस में पहला महिला कमांडो दस्ता शामिल हो गया है। उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है जहां पुलिस में महिला कमांडो दस्ता शामिल है। पुलिस की 22 जांबाजों ने 12 दिन का कठिन परिश्रम पूर्ण कर अपनी क्षमताओं से सभी को रूबरू कराया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:34 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 08:36 PM (IST)
उत्तराखंड पुलिस को मिला पहला महिला कमांडो दस्ता, 22 महिला कर्मियों ने शिफूजी से लिया कड़ा परिश्रम
उत्तराखंड पुलिस के आतंकवादी रोधी दस्ते में शामिल हुईं 22 महिला कमांडो।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड पुलिस में पहला महिला कमांडो दस्ता शामिल हो गया है। उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है, जहां पुलिस में महिला कमांडो दस्ता शामिल है। पुलिस की 22 जांबाजों ने 12 दिन का कठिन परिश्रम पूर्ण कर अपनी क्षमताओं से सभी को रूबरू कराया।

बुधवार को पुलिस लाइन में साहस और रणकौशल का प्रदर्शन कर ये महिला कमांडो मुख्यधारा में शामिल हुईं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में महिला कमांडो फोर्स और स्मार्ट चीता पुलिस की शुरुआत की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला पुलिस कार्मिकों के कमांडो व चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महिला कमांडो दस्ते का विस्तार किया जाएगा। महिलाओं को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह कदम कारगर साबित होगा। 

इस मौके पर महिला कमांडो दस्ते की ओर से सुरक्षा और रणकौशल का डेमो दिया गया। वहीं, स्मार्ट चीता पुलिस ने नुक्कड़-नाटक के जरिये अपने कार्यों एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन परिसर में स्मार्ट पुलिस बैरक का भी उद्घाटन किया। इस दौरान विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज. (रिटा.) जेएस नेगी, सचिव गृह नितेश झा भी उपस्थित रहे।

छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सीखना जरूरी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्कूलों एवं कॉलेजों की छात्राओं को भी प्रारंभिक आत्मरक्षा के गुर सिखाने जरूरी हैं। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। कहा कि सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में बेटियों को आत्मरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित किया जाए। सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। उन्होंने चमोली आपदा में महिला अधिकारियों की भूमिका को भी सराहा। कहा कि जिलाधिकारी, एसडीआरएफ, आइटीबीपी और पुलिस की महिला अधिकारियों ने जिस प्रकार से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और राहत कार्य में तत्परता दिखाई वह एक मिसाल है।

12 दिन की कड़ी मेहनत से पाया मुकाम 

पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर हरिद्वार में 27 महिलाओं के दस्ते को 18 जनवरी से 14 दिवस का कमांडो प्री-कोर्स कराया गया था, जिसमें से 22 महिलाओं को अग्रिम प्रशिक्षण के लिए पीटीसी नरेंद्रनगर में आठ फरवरी से दो माह का पुलिस कमांडो प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो अभी तक 12 दिन का प्रशिक्षण ग्रहण कर चुकी हैं। उक्त कमांडो दस्ते को यूएसी, शारीरिक दक्षता, रॉक-क्लाइंबिंग, शस्त्र प्रशिक्षण, फायरिंग, बम डिस्पोजल, प्राथमिक चिकित्सा, संचार, अभिसूचना, नेविगेशन-मैप रीडिंग, वीआइपी सुरक्षा, आतंकवाद व काउंटर टेररिज्म आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद दस्ते को कुंभ मेले में भी तैनात किया जाएगा।

स्मार्ट हुई दून चीता पुलिस

देहरादून के 148 (118 पुरुष व 30 महिला) चीता पुलिस को आठ जनवरी से छह फरवरी तक पीटीसी नरेंद्रनगर, आरटीसी देहरादून में एक माह और अभिसूचना एवं सुरक्षा मुख्यालय में एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। चीता पुलिस की कानून व्यवस्था में भूमिका, घटनास्थल पर रिस्पांस टाइम, साक्ष्य संरक्षण, पेट्रोलिंग, भीड़ नियंत्रण, विभिन्न अपराधों पर की जाने वाली कार्रवाई, महिला, वृद्धों एवं बच्चों के साथ व्यवहार, साइबर क्राइम, सीसीटीवी मॉनिटियरिंग, सोशल मीडिया-मीडिया प्रबंधन, फोटोग्राफी, फोरेंसिक साइंस, शस्त्र प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कमांडो प्रशिक्षक शिफूजी शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना कार्की, स्मार्ट चीता पुलिस के व्यवहारिक एवं आंतरिक प्रशिक्षण में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मी चंदन सिंह, सूरज सिंह एवं शिव सिंह को बेस्ट स्मार्ट चीता पुलिसिंग के लिए प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान किया। साथ ही समस्त महिला कमांडो के उत्साहवर्धन के लिए महिला उपनिरीक्षक पूजा रानी को मेडल प्रदान किया।

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