37 वर्षो से नहीं बन पाई 22 किमी सड़क

चंदराम राजगुरु चकराता देहरादून जिले के सीमांत गांवों को जोड़ने वाले अटाल-मीनस मोटर मार्ग का निर्माण 37 वर्षो में नहीं हो पाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:35 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:35 AM (IST)
37 वर्षो से नहीं बन पाई 22 किमी सड़क
37 वर्षो से नहीं बन पाई 22 किमी सड़क

चंदराम राजगुरु, चकराता

देहरादून जिले के सीमांत गांवों को जोड़ने वाले अटाल-मीनस मोटर मार्ग का निर्माण 37 वर्ष बाद भी नहीं हो पाया है। जबकि, 22 किमी लंबे इस मोटर मार्ग पर अब तक करोड़ों का बजट खर्च हो चुका है। मार्ग कब तक बनकर तैयार होगा, इसका भी किसी के पास कोई जवाब नहीं है।

वर्ष 1983-84 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने अटाल-मीनस मोटर मार्ग को मंजूरी दी थी। इसके निर्माण का जिम्मा लोनिवि अस्थायी खंड साहिया के पास है। मार्ग बनने से चकराता व त्यूणी तहसील के कांडोई-भरम, कंडमाण, देवघार, बावर खत व आसपास के अन्य ग्रामीण इलाकों को लाभ मिलना था। राज्य गठन के बाद सरकार ने मार्ग के सुधारीकरण को जनजाति उप-योजना (टीएसपी) के तहत एक करोड़ का बजट स्वीकृत किया। लेकिन, स्थिति तब भी नहीं बदली। ऐसे में सीमांत क्षेत्र के करीब 60 गांवों के ग्रामीणों को हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले फेडिज व मीनस पुल के रास्ते अटाल, अणू, त्यूणी, हनोल, क्वानू, मंझगांव, हरिपुर, कालसी, विकासनगर व देहरादून जाना पड़ता है।

मार्ग न बनने से क्षेत्र के किसान टोल टैक्स चुकाकर कृषि उपज हिमाचल के रास्ते विकासनगर व देहरादून मंडी पहुंचाने को मजबूर हैं। वहीं ग्रामीणों को भी हिमाचल सीमा से सामान लाने-ले जाने पर टैक्स देना पड़ रहा है। गुरुवार को फेडिज मोटर पुल का मरम्मत कार्य शुरू होने से तो सीमांत क्षेत्र से आवाजाही भी बंद हो गई। कूणा के क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार, प्रधान संगठन चकराता के अध्यक्ष दिलीप तोमर, महासचिव हरीश राजगुरु, ग्रामीण युवा समिति के अध्यक्ष बसंत शर्मा, पूर्व प्रधान सुमन शर्मा, टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मनीष चौहान व केशवानंद शर्मा का कहना है कि मार्ग का निर्माण समय से पूरा हो जाता तो आज ग्रामीणों को ऐसी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।

विडंबना देखिए कि लोनिवि के अधिकारी बजट की कमी का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। बताया जा रहा कि कुछ समय पूर्व लोनिवि साहिया ने इस मार्ग के सुधारीकरण व डामरीकरण के लिए 25 करोड़ का प्रस्ताव शासन में भेजा था। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत पार्ट में पांच-पांच किमी सुधारीकरण कार्य किए जाने का प्रावधान है। उधर, राज्य एसटी आयोग के अध्यक्ष मूरतराम शर्मा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मार्ग के सुधारीकरण को बजट जल्द स्वीकृत करने का आग्रह किया है।

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क्षेत्र पंचायत में उठ चुका मामला

क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार ने पंचायत चुनाव के बाद बीडीसी बैठक में यह मसला जोर-शोर से उठाया था। वहीं, स्थानीय ग्रामीण भी इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम पंवार ने बताया कि मार्ग पर यदि जल्द शुरू नहीं कराया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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