हड़ताल पर रहे उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के 2100 अधिकारी और कर्मचारी, 286 शाखाओं में काम रहा प्रभावित

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की 286 शाखाओं के करीब 2100 बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। उनके हड़ताल पर रहने से 286 शाखाओं में काम-काज प्रभावित रहा। जानिए बैंक कर्मी किन मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 02:33 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 02:33 PM (IST)
हड़ताल पर रहे उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के 2100 अधिकारी और कर्मचारी, 286 शाखाओं में काम रहा प्रभावित
हड़ताल पर रहे उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के 2100 अधिकारी और कर्मचारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। भारत सरकार की ग्रामीण बैंक से अपनी 50 फीसद हिस्सेदारी बेचने की नीति को रद करने, देश की सभी 43 ग्रामीण बैंक को राष्ट्रीय स्तर पर एक ग्रामीण बैंक की स्थापना करने के साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे प्रदेश की सभी 286 शाखाओं में कामकाज ठप रहा। हड़ताल को प्रदेश के 2100 कर्मचारियों ने अपना समर्थन दिया। 

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक अधिकारी संगठन के महासचिव भुवनेंद्र बिष्ट ने कहा कि सरकार की ओर से ग्रामीण बैंकों की मांगों को अनदेखा करने का काम किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण बैंक कर्मियों में भारी रोष है। राष्ट्रीय नेतत्व के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान पर प्रदेश भर में हड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ग्रामीण बैंक विरोधी नीतियों के चलते युवा धीरे-धीरे ग्रामीण बैंक में नौकरी करने से कतराने लगे हैं। उत्तराखंड ग्रामीण बैंक अधिकारी संगठन के कोषाध्यक्ष गिरीश डबराल व उत्तराखंड ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आशीष तोमर ने अपना मांग पत्र बैंक के महाप्रबंधक प्रशासन ईश्वर कुमार को ज्ञापन भी सौंपा।

जानिए क्या है ग्रामीण बैंक कर्मियों की सभी मांगें 

-11वें बैंकिंग वेतन समझौते के समस्त लाभों के आदेश को समानता के तय सिद्धांत के तहत शीघ्र जारी कर दिया जाए।

-बैंकिंग पेंशन अधिनियम को ग्रामीण बैंकों में भी वर्ष 1993 से प्रभावी किया जाएं और 31 मार्च 2018 तक ग्रामीण बैंक में सेवा में ज्वाइन कर चुके स्टाफ को भी योजना में कवर किया जाए।

-भारत सरकार द्वारा ग्रामीण बैंक से अपनी 50 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने की नीतियां रद्द की जाए।

-मानव शक्ति योजना का पुनर्निधारण करते हुए समुचित नई भर्ती की जाए।

-अस्थायी रूप से कार्यालय सहायक पद पर सेवारत समस्त संदेश वाहकों का नियमितीकरण किया जाए।

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