तीन साल में बनेंगे 200 माडल क्रू-स्टेशन, जंगल की आग समेत अन्य आपदाओं में देंगे सक्रिय सहयोग

पर्यावरणीय लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड के जंगलों में निकट भविष्य में आग की घटनाओं पर नियंत्रण को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे। इसके लिए संसाधन जुटाने की कड़ी में वन महकमे ने माडल कू्र स्टेशन स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:30 AM (IST)
तीन साल में बनेंगे 200 माडल क्रू-स्टेशन, जंगल की आग समेत अन्य आपदाओं में देंगे सक्रिय सहयोग
फायर सीजन (15 फरवरी से 15 जून) के दौरान वन विभाग 1700 से ज्यादा क्रू स्टेशन स्थापित करता है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: पर्यावरणीय लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड के जंगलों में निकट भविष्य में आग की घटनाओं पर नियंत्रण को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे। इसके लिए संसाधन जुटाने की कड़ी में वन महकमे ने माडल कू्र स्टेशन स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। तीन साल के भीतर वन क्षेत्रों में ऐसे 200 कू्र-स्टेशन बनाने का लक्ष्य है। चालू वित्तीय वर्ष में 37 कू्र-स्टेशन के लिए बजट जारी कर दिया गया है। ये स्टेशन न सिर्फ जंगल की आग बल्कि अन्य आपदाओं में भी सक्रिय सहयोग देंगे।

फायर सीजन (15 फरवरी से 15 जून) के दौरान वन विभाग 1700 से ज्यादा क्रू स्टेशन स्थापित करता है, मगर इनमें अधिकांश अस्थायी होते हैं। वन क्षेत्रों में आग की सूचना मिलने पर इनमें तैनात कार्मिक व श्रमिक आग बुझाने में जुटते हैं। इस मर्तबा वनों में लगी आग से सबक लेते हुए विभाग ने कू्र-स्टेशन को उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए माडल क्रू स्टेशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने की कवायद शुरू की गई है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार माडल कू्र स्टेशन इस तरह का केंद्रीय स्थल होगा, जहां आग, मानव-वन्यजीव संघर्ष समेत सभी प्रकार की आपदाओं के नियंत्रण को मानव संसाधन, उपकरण व बचाव कार्य के लिए वर्षभर सुविधाएं उपलब्ध हों।

यह भी पढ़ें- ऋषिकेश में पौधारोपण कर महापौर ने दिया प्रकृति के संरक्षण का संदेश

प्रत्येक स्टेशन में आठ से 12 सदस्यीय दल की तैनाती रहेगी और वहां उसके रहने-खाने, आवागमन आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। साथ ही प्रत्येक कू्र-स्टेशन में तैनात किए जाने वाले कार्मिकों व फायर वाचर को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि माडल क्रू-स्टेशन के संबंध में सभी डीएफओ और संरक्षित क्षेत्रों के निदेशकों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

यह भी पढ़ें- जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दी हिदायत, स्मार्ट सिटी के कार्यों में पानी न होने दें जमा

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी