चीला में जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी रहे हड़ताल पर

शासन से वार्ता विफल होने के बाद उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर चीला जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उनका दावा है कि चीला में रात डेढ़ बजे से विद्युत उत्पादन ठप है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:18 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:18 PM (IST)
चीला में जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी रहे हड़ताल पर
सोमवार रात से चीला जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

संवाद सूत्र, रायवाला : शासन से वार्ता विफल होने के बाद उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर सोमवार रात से चीला जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उनका दावा है कि चीला में रात डेढ़ बजे से विद्युत उत्पादन ठप है। हड़ताली कर्मचारी कामकाज ठप कर निगम के गेट पर धरने में बैठे हैं।

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संगठन के संयोजक इंसारूल हक ने कहा कि 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से कई बार वार्ता हुई है। सरकार के अड़ियल रुख के चलते कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि जिला विद्युत गृह में रात डेढ़ बजे से बिजली उत्पादन ठप है। वहीं उन्होंने ऊर्जा निगम के तीनों संगठनों के कर्मचारियों को एसीपी के अंतर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ नौ, 14 तथा 19 वर्ष में देने, नव नियुक्त कार्मिकों को अन्य कार्मिकों की भांति विद्युत टैरिफ का लाभ व ग्रेड वेतन में वृद्धि करने, रिक्त पदों पर नई भर्ती के साथ विलंबित पदोन्नतियों की बहाली तथा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार अनुमन्य वेतन भत्तों का रिवीजन की मांग दोहराई। जल विद्युत निगम कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष केहर सिंह नेगी ने कहा कि तीनों निगमों का एकीकरण व पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए। इंजिनियर पंकज सैनी, राजकुमार शर्मा, सूर्य प्रकाश पुरोहित, आनंद सिंह रावत, विक्की दास, पूरण सिंह रावत आदि रहे।

हड़ताल पर रहे ऊर्जा निगम ऋषिकेश डिवीजन के सभी कर्मचारी अधिकारी

ऋषिकेश: उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर विद्युत वितरण खंड ऋषिकेश से जुड़े करीब 150 अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए थे।  हड़ताली कर्मचारियों ने डिवीजन कार्यालय में धरना देकर सभा की।

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़े तमाम अधिकारी और कर्मचारी संगठन सोमवार मध्य रात्रि 12:00 बजे से हड़ताल पर चले गए थे। मंगलवार की सुबह ऊर्जा निगम के डिवीजन कार्यालय में संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हड़ताली कर्मचारियों और अधिकारियों ने सभा की। सभा को संबोधित करते हुए प्रांतीय उपाध्यक्ष घनश्याम नौटियाल, डिवीजन शाखा अध्यक्ष विनोद ध्यानी ने कहा कि अधिकारी कर्मचारी मोर्चा हड़ताल नहीं करना चाहता था, मगर सरकार और प्रबंधन ने हमारी मांगों पर गौर नहीं किया। जिस कारण मजबूरी में यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि हड़ताली अपने स्तर पर विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा पैदा नहीं करेंगे। इतना जरूर है कि यदि लाइन में कहीं कोई फाल्ट आ जाता है तो हड़ताली कर्मचारी और अधिकारी इसे दुरुस्त करने नहीं जाएंगे। सभा में कुंवर सिंह भंडारी, जसवंत सिंह, उमेश कुमार, संजय कुमार, प्रवीण सिंह आदि मौजूद रहे।

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चरमराने लगी थी विद्युत वितरण की व्यवस्था

ऋषिकेश: गढ़वाल मंडल के अधिकांश हिस्सों में विद्युत सप्लाई करने वाले पिटकुल के वीरभद्र ट्रांसमिशन में कर्मचारियों व अधिकारियों की हड़ताल के चलते मंगलवार को धीरे-धीरे विद्युत वितरण की व्यवस्था चरमरा ने लगी थी। वहीं जिला जल विद्युत गृह में सोमवार मध्यरात्रि से विद्युत उत्पादन ठप रहा। तीर्थ नगरी ऋषिकेश के कुछ क्षेत्र में भी मंगलवार दोपहर से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर ऊर्जा से जुड़े तीनों निगम यूपीसीएल यूजर पैनल व पिटबुल के कार्मिक सोमवार मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए थे। ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र में मंगलवार दोपहर तक विद्युत आपूर्ति सुचारू रही, मगर मंगलवार दोपहर करीब 12:00 बजे ऋषिकेश के आसपास क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। ऋषिकेश के निकट वीरभद्र में पिटबुल का सबसे बड़ा ट्रांसमिशन है। जहां से गढ़वाल मंडल के अधिकांश जनपदों के अलावा कुछ औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी विद्युत आपूर्ति की जाती है। फिलहाल औद्योगिक क्षेत्रों में यहां से विद्युत आपूर्ति सुचारू बताई जा रही है। मगर, गढ़वाल मंडल में कई क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो गई है। पिटबुल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से कहीं भी विद्युत आपूर्ति बंद नहीं की गई है। बल्कि जहां कोई फॉल्ट आ रहा है, उसे दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। उधर है जल विद्युत निगम के 144 मेगावाट के पावर हाउस में सोमवार मध्य रात्रि को विद्युत उत्पादन बंद हो गया था, जो अब तक सुचारू नहीं हो पाया है।

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