संक्रमितों का जीवन बचाने को 18 साल के इस युवा ने थामा स्टेयरिंग, बिना रुके कर रहे काम
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है। इस मुश्किल समय में जब ज्यादातर लोग अपने घर से बाहर निकलने ही हिम्मत नहीं जुटा पा रहे ऐसे समय में कई लोग मददगार बन कर संक्रमितों के जीवन की रक्षा को हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है। इस मुश्किल समय में जब ज्यादातर लोग अपने घर से बाहर निकलने ही हिम्मत नहीं जुटा पा रहे, ऐसे समय में कई लोग मददगार बन कर संक्रमितों के जीवन की रक्षा को हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसकी बानगी बिना रुके कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे 18 वर्ष के युवा गौतम कुमार हैं।
गौतम डीआइटी यूनिवर्सिटी एल्यूमिनी एसोसिएशन और जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के सहयोग से चल रही एंबुलेंस करीब एक महीने से चला रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एसोसिएशन ने यह सेवा शुरू की थी। गौतम ने कहा कि ट्रस्ट से जुड़े थे तो उन्होंने अपनी खुशी से आमजन की मदद को यह काम शुरू किया।
गौतम बताते हैं कि हर दिन आठ से 10 मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं। सुबह सात बजे से ही फोन आने शुरू हो जाते हैं और आधी रात को भी वह सेवा के लिए तैयार रहते हैं। इसके अलावा एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर भी रखे होते हैं, जब किसी को जरूरत हो तो उसे ऑक्सीजन भी उपलब्ध करवा देते हैं। जिन मरीजों की मौत हो रही है, अस्पताल की एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर उन्हें श्मशान घाट पर भी ले जा रहे हैं। गौतम अपने परिवार के साथ चंद्रमणि चोईला में रहते हैं।
गौतम ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल शुरू होने के बाद से लगातार ट्रस्ट के साथ जुड़कर आमजन की सेवा कर रहे हैं। पिछले वर्ष भी लंबे समय तक परिवार से दूर रहे थे, अब दोबारा अलग कमरे में रहना शुरू कर दिया। मां के हाथ की रोटी अलग कमरे में भी मिल जाती है, लेकिन परिवार के साथ बैठकर खाने वाले दिन याद आते हैं। उम्मीद है जल्द सब सामान्य होगा।
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