उत्तराखंड में सड़क और पुलों के निर्माण को 1627 करोड़ जारी करना शेष
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। आचार संहिता लागू होने से पहले प्रदेश में नए विकास कार्यों के लिए लगभग चार माह का समय हैं। इतने कम समय में शासन से शेष 1627 करोड़ रुपये की धनराशि को अवमुक्त कराना एक बड़ी चुनौती है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली सीढ़ी मानी जाती है। इस लिहाज से देखें तो प्रदेश में सड़कों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं कही जा सकती। ऐसा नहीं कि सड़कों के निर्माण और मरम्मत पर बजट खर्च नहीं हो रहा है। हर साल ही करोड़ों रुपये का बजट जारी हो रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में नई सड़कों, पुलों के निर्माण और रखरखाव के लिए केंद्र व राज्य स्तर से 2740.43 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। इसके सापेक्ष शासन ने लोक निर्माण विभाग को 1113.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्तर से विभिन्न निर्माण खंडों को 707.90 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें भी अगस्त तक 508.95 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। अब आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आचार संहिता लागू होने से पहले प्रदेश में नए विकास कार्यों के लिए लगभग चार माह का ही समय शेष हैं। इतने कम समय में शासन से शेष 1627 करोड़ रुपये की धनराशि को अवमुक्त कराना और फिर उस राशि को खर्च करना विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती है।
उत्तराखंड में सड़कों को पर्वतीय क्षेत्र की लाइफ लाइन माना जाता है। यातायात का एकमात्र साधन होने के कारण पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी इन्हीं सड़कों पर टिकी रहती है। आपदा और बरसात के दौरान सड़कों के खराब होने का असर सीधे पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी पर पड़ता है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार सड़कों के रखरखाव पर विशेष ध्यान देती है। हर साल इन सड़कों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। बावजूद इसके कई बार सिस्टम की लापरवाही नई सड़कों के निर्माण व पुरानी सड़कों के रखरखाव पर भारी पड़ती है। स्थिति यह है कि विभाग द्वारा बजट जारी करने के बावजूद भी इस दिशा में सुस्त गति से कार्य आगे बढ़ रहा है।
लोक निर्माण विभाग को वित्तीय वर्ष 2021-22 में जारी बजट पर नजर डालें तो सरकार ने सड़क निर्माण के 3843 कार्य, पुलों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के 189 कार्य, नाबार्ड के तहत 318 कार्य, केंद्रीय सड़क निधि के तहत 67 कार्य, स्पेशल कंपोनेंट सब प्लान के तहत 26 कार्य, ट्राइबल सब प्लान के तहत 170 कार्य के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग के रखरखाव आदि के लिए 1113.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके सापेक्ष विभाग अभी तक 707 करोड़ रुपये जारी कर चुका है। विभाग ने यह राशि विभिन्न निर्माण खंडों को जारी की है। इस राशि के सापेक्ष केवल 505 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं।
-सतपाल महाराज (लोनिवि मंत्री) का कहना है कि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि कार्यों की गति बढ़ाई जाए। काम में ढिलाई बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग को बजट का सदुपयोग करने को कहा गया है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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