Chardham Yatra: अब तक साढ़े सात हजार श्रद्धालुओं ने किए चार धाम के दर्शन

चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार तक साढ़े सात हजार से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर चुके हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा 3000 यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:15 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:42 PM (IST)
Chardham Yatra:  अब तक साढ़े सात हजार श्रद्धालुओं ने किए चार धाम के दर्शन
चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

जागरण टीम, बदरीनाथ (चमोली)। चार धाम यात्रा में धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। 18 सितंबर से प्रारंभ हुई यात्रा में बुधवार तक साढ़े सात हजार से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 3000 यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। पुलिस बिना ई-पास के पहुंच रहे यात्रियों को धाम में प्रवेश नहीं दे रही है। केदारनाथ धाम में यात्रा के प्रारंभ से अब तक 900 से ज्यादा यात्रियों को ई-पास न होने के कारण वापस भेज दिया गया।

उच्च न्यायालय की अनुमति के बाद सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू कर दी, लेकिन अदालत के आदेश के अनुसार यात्रा में कोविड गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। हाई कोर्ट ने प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन यात्रियों की अधिकतम संख्या निर्धारित की हुई है। इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में प्रतिदिन 400 यात्री जा सकते हैं। हालांकि अभी प्रतिदिन पहुंच रहे यात्रियों की संख्या इससे काफी कम है।

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि कोविड गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से जारी ई-पास दिखाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ धाम भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि धाम में प्रतिदिन औसतन 600 श्रद्धालु आ रहे हैं। एसपी के अनुसार अब बिना ई-पास वाले 931 यात्रियों को लौटाया गया है। उन्होंने यात्रियों का आहवान किया कि यात्रा से पहले ई-पास अवश्य लें।

चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम पहुंचने वाली यात्रियों की संख्या भी औसतन करीब तीन सौ है। उन्होंने बताया कि अब तक आठ हजार से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं, लेकिन अब तक 1500 ही दर्शनों के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि बिना पंजीकरण के यात्रियों को पांडुकेश्वर से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। इनमें ज्यादातर यात्री वे हैं जो हेमकुंड यात्रा से लौट रहे हैं। हेमकुंड यात्रा के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकर की जरूरत नहीं है। इनका पंजीकरण ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारे में किया जा रहा है।

गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए आफ लाइन पास की भी व्यवस्था

यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने आफ लाइन पंजीकरण के व्यवस्था भी की है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए प्रतिदिन क्रमश: 600 और 400 यात्री भेजे जा सकत हैं, लेकिन दोनों धाम पहुंचने वालों की संख्या औसतन 300-300 है। इसीलिए प्रशासन उन यात्रियों को आफ लाइन पास जारी कर रहा है, जो बिना पास के यहां आए हैं। हालांकि यात्रियों की संख्या वही रहेगी जो सरकार ने तय की है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को यमुनोत्री धाम के लिए ऐसे 145 पास जारी किए गए।

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 चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण व ई-पास अनिवार्य

चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य है। शासन की ओर से जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) के अनुसार यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से धामों में दर्शन के लिए यात्रा ई-पास जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा अथवा 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है।

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