Pollution Control Board: दीपावली को 14 दिन शेष, सन्नाटे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक सन्नाटे में दिख रहा है। दीपावली से पहले दीपावली के दोनों दिन व उसके बाद के दिनों में हवा की गुणवत्ता में आए बदलाव की जांच के लिए अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:10 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:10 PM (IST)
Pollution Control Board: दीपावली को 14 दिन शेष, सन्नाटे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक सन्नाटे में दिख रहा है।

सुमन सेमवाल, देहरादून: Pollution Control Board दीपावली के लिए महज 14 दिन (छोटी दीपावली तीन व बड़ी चार नवंबर को) का समय शेष रह गया है और उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक सन्नाटे में दिख रहा है। दीपावली से पहले, दीपावली के दोनों दिन व उसके बाद के दिनों में हवा की गुणवत्ता में आए बदलाव की जांच के लिए अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। हालांकि, पिछली दीपावली में थर्ड पार्टी जांच के आदेश दो सप्ताह से पहले कर दिए गए थे। वहीं, दीपावली के लिए हवा की गुणवत्ता की जांच सात नवंबर से शुरू की जा चुकी थी।

पिछले साल दीपावली से पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उन शहरों में दो घंटे पटाखे जलाने की छूट दी थी, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 101 से 200 के बीच है। लिहाजा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने दून समेत राज्य के प्रमुख शहरों के लिए पटाखे जलाने को दो घंटे का समय तय कर दिया था। इसके बाद इन शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे (कम प्रदूषण छोडऩे वाले पटाखे) जलाने के आदेश भी जारी किए गए थे। इस दफा अभी तक एनजीटी की तरफ से ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है और पीसीबी भी सक्रिय नहीं दिख रहा। सूत्रों की मानें तो इस दफा भी हवा की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी जांच कराई जानी है, मगर अभी तक क्षेत्रीय कार्यालयों को ऐसे कोई आदेश नहीं मिल पाए हैं। ना ही बोर्ड अधिकारी जन-जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कुछ करते नजर आ रहे हैं।

ग्रीन पटाखों व दो घंटे का आदेश देर में आने का असर नहीं

उत्तराखंड शासन ने पिछली दीपावली पर सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने व पटाखे जलाने का समय दो घंटे तय करने का आदेश दीपावली से महज दो दिन पहले किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि आदेश का अनुपालन कराया ही नहीं जा सका। दून में ही पटाखे की रिकार्ड 700 से अधिक दुकानें सज गईं और एक्यूआइ में भी काफी इजाफा पाया गया। दून में एक्यूआइ का स्तर 300 पार पहुंच गया था। स्वास्थ्य के लिहाज से यह आंकड़ा गंभीर स्थिति वाला माना जाता है।

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एक्यूआइ के ये नंबर बयां करते हैं हवा का हाल

एक्यूआइ, स्थिति शून्य से 50, अच्छा 51 से 100, संतोषजनक 101 से 200, मध्यम श्रेणी 201 से 300, बुरा 301 से 400, बेहद बुरा 401 से 500, गंभीर

इस तरह निकाला जाता है एक्यूआइ

एक्यूआइ को पीएम-10, पीएम-2.5, एनओटू व एसओटू के आधार पर निकाला जाता है। प्रदूषण के कम से कम तीन पैरामीटर को एक्यूआइ के लिए शामिल करना होता है। वैसे उत्तराखंड में इन्हीं चारों पैरामीटर पर आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। एक्यूआइ के आंकड़ों के हिसाब से हवा की गुणवत्ता बताई जाती है। इसके अलावा एक्यूआइ के ही समकक्ष अलग-अलग पैरामीटर के लिए भी हवा की गुणवत्ता बताई जाती है।

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