उत्तराखंड: ऊर्जा निगमों की हड़ताल से 40 हजार औद्योगिक इकाइयों को 100 करोड़ का झटका, खाली बैठे रहे ढाई लाख कर्मचारी

उत्तराखंड ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की हड़ताल से एक दिन में ही राज्य के उद्योग जगत को करीब 100 करोड़ रुपये का झटका लग गया। मध्य रात्रि से मंगलवार शाम तक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की करीब 40 हजार औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन 70 से 100 फीसद तक प्रभावित रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:59 AM (IST)
उत्तराखंड: ऊर्जा निगमों की हड़ताल से 40 हजार औद्योगिक इकाइयों को 100 करोड़ का झटका, खाली बैठे रहे ढाई लाख कर्मचारी
ऊर्जा निगम में प्रबंधन के साथ वार्ता में कोई सहमति न बनने के बाद हंगामा करते कर्मचारी। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की हड़ताल से एक दिन में ही राज्य के उद्योग जगत को करीब 100 करोड़ रुपये का झटका लग गया। सोमवार मध्य रात्रि से मंगलवार शाम तक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की करीब 40 हजार औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन 70 से 100 फीसद तक प्रभावित रहा।

सोमवार मध्य रात्रि को ऊर्जा निगमों के कार्मिकों के हड़ताल पर जाने के बाद ही औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान पड़ना शुरू हो गया था। मंगलवार को सुबह के 10 बजने तक समूचे औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति लगभग ठप हो गई। इससे उत्पादन पर ब्रेक लग गया। सबसे ज्यादा असर बड़े औद्योगिक क्षेत्रों सेलाकुई, मोहब्बेवाला, पटेलनगर, हरिद्वार, भगवानपुर, सितारगंज, काशीपुर में पड़ा। यहां इकाइयों में केवल मैनुअल पैकेजिंग का काम ही हो पाया। फार्मास्युटिकल इकाइयों में दवा की पैकिंग भी ठप रही। उत्तराखंड फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि विद्युत उत्पादन बाधित रहने से मंगलवार और बुधवार को भी मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पाएगा।

लघु उद्योग भारती उत्तराखंड के प्रांत महामंत्री विजय सिंह तोमर ने बताया कि विद्युत आपूर्ति बंद होने से पटेलनगर समेत सभी औद्योगिक क्षेत्रों में न केवल उत्पादन ठप रहा, बल्कि उद्यमियों को आनलाइन लेनदेन में दिक्कत आई। इससे काफी नुकसान हुआ है।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि ऊर्जा निगमों में हड़ताल से प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन प्रभावित हुआ। इससे करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार चौपट हो गया। करीब 40 हजार इकाइयों में काम करने वाले ढाई लाख कामगार बिना काम के बैठे रहे।

उत्तराखंड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील उनियाल ने बताया कि सेलाकुई, पटेलनगर, मोहब्बेवाला औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति न होने से दिनभर काम नहीं हो सका। मंगलवार को शाम साढ़े चार बजे तक भी आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई थी।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राज्य चेयरमैन राकेश भाटिया ने कहा, हड़ताल के कारण सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार शाम चार बजे तक प्रदेश में 300 से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट में उत्पादन ठप रहा। हर इकाई को लाखों रुपये का आर्डर रद करना पड़ा। हजारों कामगार दिनभर बिना काम के बैठे रहे।

देहरादून के 60 फीसद इलाकों में बत्ती गुल

ऊर्जा निगम के कार्मिकों की हड़ताल ने दूनवासियों को दिनभर परेशान किया। वीआइपी इलाकों समेत शहर के करीब 60 फीसद हिस्से में बत्ती गुल रही। जबकि, उपभोक्ता दिनभर फोन घनघनाते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उमस के बीच दिनभर बत्ती गुल रहने से आमजन से लेकर वीवीआइपी भी परेशान रहे। राजपुर रोड, पलटन बाजार, ईसी रोड, रेसकोर्स, वसंत विहार, विजय पार्क, भंडारी बाग समेत कई पाश कालोनियों में दिनभर आपूर्ति बाधित रही। रायपुर, आइटी पार्क, मोहनपुर, सेलाकुई, गणेशपुर, माजरा आदि सब स्टेशन में कार्य ठप रहने से आपूर्ति प्रभावित रही। वहीं मसूरी में दोपहर दो बजे से बिजली आपूर्ति ठप रही।

कार्मिकों ने नहीं उठाए फोन

हड़ताल के दौरान ऊर्जा निगम के कार्मिकों ने सरकारी नंबर पर आने वाले उपभोक्ताओं फोन काल नहीं उठाए। साथ ही किसी भी कार्यालय में शिकायत नहीं ली गई। शहर के विभिन्न इलाकों में बत्ती गुल रहने पर लोग ऊर्जा निगम के दफ्तरों में फोन करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

कर्मचारियों ने वाट्सएप ग्रुप किए लेफ्ट

विभाग की ओर से सूचना के आदान-प्रदान के लिए बनाए गए वाट्सएप ग्रुप भी कार्मिकों ने लेफ्ट कर दिए। हड़ताल के दौरान कार्य का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने के लिए उन्होंने वाट्सएप पर भी बहिष्कार किया।

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