Wildlife Attack: उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु पर 10 लाख मुआवजा, वर्तमान में मिलता है इतना
Wildlife Attack वन्यजीवों के हमले में मृत्यु पर स्वजन को 10 लाख रुपये मुआवजा देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। वन मंत्री डा हरक सिंह रावत ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस सिलसिले में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Wildlife attack उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु पर स्वजन को 10 लाख रुपये मुआवजा देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। वन मंत्री डा हरक सिंह रावत ने बुधवार को वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस सिलसिले में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। वर्तमान में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु पर चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का प्रविधान है।
वन मंत्री डा रावत ने बैठक के बाद कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु पर 10 से 15 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का प्रविधान है। इसे देखते हुए उत्तराखंड में भी क्षतिपूर्ति 10 लाख रुपये की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य आपदा मोचन निधि से चार लाख की मुआवजा राशि दी जाती है। शेष छह लाख रुपये की राशि वन विभाग की मद से दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा।
टाइगर सफारी का उद्घाटन इसी माह
वन मंत्री के मुताबिक बैठक में कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में निर्माणाधीन टाइगर सफारी के संबंध में भी चर्चा हुई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 14 दिसंबर तक सफारी का निर्माण कार्य हर हाल में पूर्ण करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और सरकार का प्रयास है कि प्रधानमंत्री के हाथों इसी माह टाइगर सफारी का उद्घाटन हो जाए।
15 दिन में जारी होगा कैंपा का बजट
डा रावत के मुताबिक प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए 700 करोड़ की कार्ययोजना मंजूर हुई है। अभी तक 120 करोड़ की राशि ही जारी हुई हैं। उन्होंने कहा कि 15 दिन में शेष बजट जारी कराकर कैंपा के तहत विभिन्न कार्य एक साथ शुरू किए जाएंगे। बैठक में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, कैंपा के सीईओ जेएस सुहाग, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा पराग मधुकर धकाते समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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