सेवानिवृत्त कार्मिकों के देयकों के भुगतान को 10 करोड़ नौ लाख रुपये जारी

नगर निगम हरिद्वार के 31 मार्च 2016 तक सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को जल्द ही बकाया वेतन पेंशन और अन्य देयकों के भुगतान की राशि मिल जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:55 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:55 PM (IST)
सेवानिवृत्त कार्मिकों के देयकों के भुगतान को 10 करोड़ नौ लाख रुपये जारी
सेवानिवृत्त कार्मिकों के देयकों के भुगतान को 10 करोड़ नौ लाख रुपये जारी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। वर्षों से बकाया वेतन, पेंशन और अन्य देयकों के भुगतान की बाट जोह रहे नगर निगम हरिद्वार के 31 मार्च 2016 तक  सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों को जल्द ही यह राशि मिल जाएगी। इसके लिए 10 करोड़ नौ लाख और 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन को इस राशि का चेक सौंपा।

चतुर्थ वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में ये धनराशि दी गई है। शहरी विकास विभाग द्वारा एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पोर्टल के माध्यम से इसे नगर निगम हरिद्वार के खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने निदेशक शहरी विकास को निर्देश दिए कि मृतक आश्रित और पदोन्नति के मामलों का भी जल्द निस्तारण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी विकास समेत सभी विभागों के कार्मिकों की समस्याओं को सरकार प्राथमिकता के आधार पर हल करेगी। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष अमीलाल वाल्मीकि, उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय सौदा आदि मौजूद थे।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कौशिक ने की बैठक 

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने विधानसभा स्थित सभागार में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट को लेकर बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय कम्पोस्ट बनाने के लिए कृषि विभाग और उद्यान विभाग को सामाग्री बेचकर आय प्राप्त करें। कौशिक ने ये भी कहा कि 14वें वित्त आयोग द्वारा प्राप्त धन का उपयोग सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट में तब तक व्यय किया जाएगा, जब तक 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर कलेक्शन और 100 प्रतिशत सोर्स सेग्रीगेशन न कर लिया जाए।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में ज्यादा पिरुल वाले दो-दो ब्लॉक होंगे चिह्नित, जानिए क्यों

बैठक में कहा गया कि हरिद्वार में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की सहायता से बायोगैस प्लांट लगाया जाए और रुड़की में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाए। इसके साथ ही हल्द्वानी, काशीपुर, ऋषिकेश, रुद्रपुर और कोटद्वार में आगामी योजना के लिए कार्य योजना बनायी जाए। निर्देश देते हुए कहा गया कि कम्पोस्ट बनाने के लिए सभी नगर निकायों में आदर्श स्थिति की योजना बनाकर मॉनीटरिंग की जाए। एक माह बाद पुनः प्रगति कार्य की समीक्षा की जाएगी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जैव विविधता पर अब कालाबांसा का साया, जानिए क्यों है खतरनाक

chat bot
आपका साथी