चम्पावत में बारिश केबिना हैंडपंपों का जल स्तर भी घटा

चम्पावत में तीन माह से बारिश न होने के कारण अब जल स्रोतों का स्तर भी घटने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Nov 2020 10:31 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 10:31 PM (IST)
चम्पावत में बारिश केबिना हैंडपंपों का जल स्तर भी घटा
चम्पावत में बारिश केबिना हैंडपंपों का जल स्तर भी घटा

संवाद सहयोगी, चम्पावत : तीन माह से बारिश न होने के कारण अब जल स्रोतों का स्तर भी घटने लगा है। मोडेक्स प्रणाली के तहत जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में लगे अधिकांश हैंडपंपों से भी पानी कम निकल रहा है। इसके कारण जाड़े के सीजन में भी पेयजल संकट बना हुआ है।

चम्पावत के मादली और खटकना पुल के पास लगे हैंडपंपों में पिछले एक पखवाड़े से पानी कम निकल रहा है। वहीं मानेश्वर में लगे दो हैंडपंप सूख गए हैं। लोहाघाट विकास खंड के ग्राम पंचायत पऊ के अनुसूचित जाति बस्ती और गलचौड़ा के पास ही एक और हैंडपंप से पानी नहीं आ रहा है। बाराकोट विकास खंड के गल्लागांव बाजार में लगा हैंडपंप तो लंबे समय से शो पीस बना है। जल संस्थान कार्यालय में 14 हैंड पंपों के पूरी तरह सूखने की रिपोर्ट दर्ज है। विभाग अब इन हैंडपंपों के पाइपों को गहराई में डालने की योजना बना रहा है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में तकनीकी खराबी आने से दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हैं। बारिश न होने के कारण सुई लिफ्ट पेयजल योजना, बनस्वाड़ योजना, अर्जुन धारा योजना समेत कई पेयजल योजनाओं में पानी का स्तर कम होने से नलों में पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है।

जल संस्थान के ईई बिलाल यूनुस ने बताया कि तकनीकी रूप से खराब पड़े बनबसा में आर्मी कैंपस, टनकपुर के रेलवे कालोनी व पाटी विकास खंड के देवीधुरा क्षेत्र में खराब पड़े हैंडपंपों को ठीक कर दिया गया है। अन्य को जल्द ठीक करवाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्जन-

भूगर्भीय पानी का स्तर घटने से हैंडपंपों में पानी कम आ रहा है। खासकर ऊंचाई में स्थित कई हैंडपंप सूख चुके हैं। बारिश न होने का असर पेयजल स्रोतों पर भी पड़ने लगा है। -पवन बिष्ट, अपर सहायक अभियंता, जल संस्थान

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