खाली बर्तनों के साथ ग्रामीणों का प्रदर्शन

ग्राम सभा पम्दा के खाल तोक में बीते 16 दिनों से लोग परेशान हैं। पानी की समस्या लोगों के लिए नासूर बनती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 05:44 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 06:15 AM (IST)
खाली बर्तनों के साथ ग्रामीणों का प्रदर्शन
खाली बर्तनों के साथ ग्रामीणों का प्रदर्शन

लोहाघाट, जेएनएन : ग्राम सभा पम्दा के खाल तोक में बीते 16 दिनों से लोग परेशान हैं। पानी की समस्या दिन प्रतिदिन लोगों के लिए नासूर बनती जा रही है। लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। गुरुवार को ग्रामीणों ने हाथों में खाली बर्तन लेकर विभाग के खिलाफ नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।

ग्रामीणों ने बताया कि सलना पेयजल योजना से 16 दिनों से पानी की बूंद नहीं टपकी है। मजबूरन लोगों को आधा किलोमीटर दूर से पानी लाकर घरेलू काम निपटाने पड़ रहे हैं। कई बार जलसंस्थान के आला अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया। लेकिन आज कल ठीक कर लिया जाएगा का आश्वासन दिया जा रहा है। तोक में करीब 40 परिवारों के साथ ही मवेशियों के लिए भी पानी का संकट बना हुआ है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि शीघ्र पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं की गई तो कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में गिरीश चंद्र जोशी, दिनेश चंद्र जोशी, जगदीश चंद्र जोशी, नागेंद्र जोशी, दुर्गेश जोशी, नवल जोशी, किशोर जोशी, ललित मोहन जोशी, उमेश चंद्र जोशी, किशोर जोशी, रवि कुमार, अंकित जोशी, भावेश जोशी, देवेश जोशी, नकुल जोशी, सरस्वती देवी, गोविंदी देवी, तुलसी देवी, कमला देवी, कृतिका देवी, देवकी देवी आदि ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं बाराकोट के ग्राम सभा पम्दा में एक पखवाडे़ से पेयजल व्यवस्था चरमराने से ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोतों से रतजगा कर पानी का इंतजाम कर रहे हैं। ग्रामीण महेश चंद्र, प्रकाश चंद्र, दीपक, पार्वती, हीरा देवी, जानकी देवी आदि का कहना है कि बारिश के दौरान छतों का पानी एकत्रित कर दिनचर्या चलाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से शीघ्र लाइन को ठीक कर पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है। ::::::::::वर्जन-

बुधवार को कर्णकरायत के चौमल्ला व गल्लागांव में फॉल्ट ठीक किया गया है। पुरानी लाइन होने के कारण जमीन के अंदर पाइप दबी हुई है। फॉल्ट नहीं मिलने से दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। विभाग के कर्मचारी कार्य में लगे हुए हैं। शीघ्र व्यवस्था सुचारू कर ली जाएगी। -त्रिवेंद्र जोशी, जेई, जल संस्थान बाराकोट

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