श्रद्धालुओं की आमद से गुलजार होने लगा रीठा साहिब गुरुद्वारा, आज से शुरू होगा तीन दिवसीय जोड़ मेला

लोहाघाट के गुरुद्वारा रीठासाहिब सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल है। आज से तीन दिवसीय जोड़ मेला शुरू होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 10:50 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 10:56 PM (IST)
श्रद्धालुओं की आमद से गुलजार होने लगा रीठा साहिब गुरुद्वारा, आज से शुरू होगा तीन दिवसीय जोड़ मेला
श्रद्धालुओं की आमद से गुलजार होने लगा रीठा साहिब गुरुद्वारा, आज से शुरू होगा तीन दिवसीय जोड़ मेला

लोहाघाट, जेएनएन : गुरुद्वारा रीठासाहिब सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल है। चौथी उदासी के समय सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव के चरण यहां पड़े थे। तब से यह स्थान पवित्र तीर्थ बन गया। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले जोड़ मेले में यहां पहुंचने वाले सिख तीर्थयात्री न केवल आस्था की डुबकी लगते अपितु यहां के पर्यटन व्यवसाय को भी समृद्ध करते हैं। 29 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे जोड़ मेले के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। लधियाघाटी क्षेत्र में बसा रीठा साहिब गुरुद्वारा श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। ======== गुरु नानक देव ने रीठे को कर दिया मीठा

लोहाघाट : रीठा साहिब गुरुद्वारे में मीठे रीठे का भी इतिहास काफी पुराना है। जब नानक देव जी यहां ठहरे हुए थे उस दौरान गुरुनानक के शिष्य मरदाना को भूख लग गई। नानक देव जी ने उसे यहां निवास कर रहे गुरु गोरखनाथ के शिष्यों से भोजन मांग कर खाने का आदेश दिया। मरदाना ने भोजन देने का आग्रह किया तो साधुओं ने उसकी तौहीन करते हुए कहा कि जिस गुरु पर तुम्हें इतना गुमान है वह तुम्हारी भूख क्यों शांत नहीं कर देते। गुरु नानक देव जी ने शांत भाव से शिष्य मरदाना को सामने खड़े रीठे के पेड़ से फल खाने को कहा। रीठा स्वभाव से ही कड़वा होता है, पर जैसे ही मरदाना ने रीठे के फल खाए वह मिठास में बदल गए। गुरुद्वारा तब से आपसी एकता व सौहार्द की मिसाल बना हुआ है। भारत वर्ष ही नहीं अपितु विदेशों से भी यहा श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते है। ========= आज से होगा तीन दिवसीय जोड़ मेले का शुभारंभ

लोहाघाट : सिक्खों के प्रमुख तीर्थ स्थल रीठा साहिब गुरुद्वारा में 29 अक्टूबर को तीन दिवसीय सालाना जोड़ मेले का शुभारंभ होगा। 30 को मुख्य मेला व 31 को मेले का समापन होगा। गुरुद्वारा प्रबंधन और प्रशासन ने मेले की सारी तैयारिया पूरी कर ली हैं। बुधवार को गुरुद्वारा सहित दिवान हाल को लड़ियों से सजाया गया है। गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह ने बताया कि जोड़ मेले की तैयारिया पूरी कर ली गई है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस बार मौसम ठीक होने के कारण तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है। जोड़ मेले के भव्य आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों के अलावा प्रशासन भी मदद कर रहा है। गुरुद्वारा के कमरों को सैनिटाइज कराया गया। कोरोना संक्रमण के नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। संगतों के जत्थे आने शुरू हो गए है। यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था में गुरुद्वारा सहित संगत के लोग जुटे हुए है। ====== पूजा-अर्चना के साथ आज होगा लड़ीधूरा महोत्सव का शुभारंभ

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : बाराकोट ब्लाक के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय लड़ीधूरा महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार आज किया जाएगा। महोत्सव समिति ने कोविड-19 के चलते सूक्ष्म रूप से मानने का निर्णय लिया है।

समिति अध्यक्ष नागेंद्र जोशी ने बताया महोत्सव का शुभारंभ 28 अक्टूबर को किया जाना तय हुआ था। क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभाओं में एक ही दिन में चार लोगों के निधन होने से महोत्सव का शुभारंभ नहीं हो पाया। गुरुवार आज महोत्सव का शुभारंभ सुबह 11: 30 बजे बाराकोट की ब्लाक प्रमुख विनीता फत्र्याल एवं ज्येष्ठ उप प्रमुख नंदा बगौली द्वारा किया जाएगा। लड़ीधूरा मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी। बताया कि 29 अक्टूबर 30 अक्टूबर तक महोत्सव समिति ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाकर मास्क पहनने एवं शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी। चर्तुदशी की रात में होने वाले जागरण के दौरान देवी देवताओं की गद्दी लगाकर आयोजन के निर्णय पर देवी रथ यात्रा की अंतिम मुहर लगाई जाएगी। अनुमति नहीं मिली तो मा भगवती की पैदल शोभायात्रा निकाली जाएगी। महोत्सव को लेकर बुधवार की देर शाम रामलीला मैदान में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान प्रधान राजेश सिंह अधिकारी, ग्राम प्रधान काकड़ पूजा अधिकारी, देवेंद्र सिंह, रमेश चंद्र जोशी, राजेंद्र अधिकारी, जगदीश सिंह, लोकमान सिंह, प्रदीप सिंह, संजय वर्मा, श्याम सिंह, राकेश सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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