बारिश से कई आवासीय मकानों को खतरा

लगातार चार दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं कई मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:11 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:11 PM (IST)
बारिश से कई आवासीय मकानों को खतरा
बारिश से कई आवासीय मकानों को खतरा

संवाद सहयोगी, चम्पावत/लोहाघाट : लगातार चार दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बाराकोट ब्लॉक के नदेड़ा गांव निवासी हरीश चंद्र जोशी पुत्र चंद्रमणी जोशी के घर की आंगन की दीवार टूटने से मकान को खतरा हो गया है। नौमाना गाव में मनोरथ पुत्र जय दत्त का आवासीय भवन बारिश के कारण ध्वस्त हो गया है। तड़ीगांव के रौताकल्ला कुंदन राम के मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। इधर पिथौरागढ़ रोड स्थित बाराकोट टैक्सी स्टेंड के पास झूलते देवदार के पेड़ खतरा बने हुए हैं। स्थानीय निवासी विवेक ओली, हेम जोशी, मदन मोहन, प्रकाश सिंह, दयाकिशन आदि ने वन विभाग से पेड़ों का निस्तारण करने की मांग की है। बाराकोट में लड़ीधूरा मंदिर मोटर मार्ग की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे लोगों को मंदिर तक आवाजाही करने में दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। इधर चम्पावत के सल्ली गांव में बारिश से हुए भूस्खलन के कारण सामुदायिक भवन के गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है। भवन के तीन ओर से चट्टान भरभराकर गिर गई है। ======== निर्माणाधीन सड़क के मलबे से मकान का आंगन ध्वस्त, आक्रोश

पिथौरागढ़: जिले में निर्माणाधीन सड़कों से मलबा गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। मलबे से जिले में कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं। गुरुवार को बोकटा क्षेत्र में सड़क से गिरे मलबे की चपेट में आने से एक मकान का आंगन ध्वस्त हो गया। ग्रामीणों ने मकान की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन किया।

भंडारीगांव से बोकटा क्षेत्र को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। किनारे पर जमा किया गया मलबा गुरुवार को राजेश लेखक के मकान के आंगन में गिरा, जिससे आंगन ध्वस्त हो गया। मकान खतरे की जद में आ गया है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार की अगुवाई में क्षेत्र के लोगों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क काटे जाने के दौरान से ही लोग मकानों की सुरक्षा के प्रबंध किए जाने की मांग कर रहे हैं। राजेश का मकान खतरे की जद में हैं। विभाग ने मकान की सुरक्षा के लिए आधी दीवार लगाई और उसके बाद दीवार को अधूरा ही छोड़ दिया। अब मकान पर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने अविलंब गांवों के मकानों की सुरक्षा को देखते हुए सड़कों के किनारे जमा मलबा हटाने और सुरक्षा दीवार लगाए जाने की मांग की है।

chat bot
आपका साथी