कोरोना काल में झोलाछाप डाक्टरों की चांदी
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण मैदानी क्षेत्र टनकपुर व बनबसा में झ्न दिनों फर्जी डाक्टर चांदी काट रहे है।
टनकपुर, दीपक सिंह धामी : स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण मैदानी क्षेत्र टनकपुर व बनबसा में झोलाछाप डॉक्टर एक बार फिर कुकुरमुत्तों की तरह नजर आने लगे हैं। जगह-जगह बिना लाइसेंस व डिग्री के यह फर्जी डाक्टर लोगों की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन भी इस ओर चुप्पी साधे हुए है।
पिछले लंबे समय से टनकपुर तथा बनबसा के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर झोलाछाप डाक्टर क्लीनिक खोलकर लोगों का उपचार कर रहे हैं। मौजूदा समय में कोरोना महामारी के कारण लोग बुखार व अन्य बीमारी होने पर संकोच के कारण सरकारी अस्पताल जाने के बजाए झोलाछाप डाक्टरों से उपचार करवा रहे हैं। झोलाछाप डाक्टरों की दवा से सही न होने के बाद लोग सरकारी अस्पताल की शरण ले रहे हैं, जो उनके लिए घातक साबित हो रहा है। मंगलवार को कोरोना बीमारी से मौत का ग्रास बने परिवहन निगम के कर्मचारी भी इन्हीं झोलाछाप डाक्टरों से उपचार कराते रहे। बताया जा रहा है कि दबाव पड़ने पर ही स्वास्थ्य महकमा व प्रशासन कभी कभार इन झोलाछाप डाक्टरों के क्लीनिकों में छापेमार कार्रवाई करता है। संयुक्त चिकित्सालय के चिकित्सक आफताब आलम ने बताया कि जब मरीज की अधिक हालत खराब होने पर ही परिजन संयुक्त चिकित्सालय लाते हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जा चुकी है। जिसमें कई क्लीनिकों का चालान कर जुर्माना भी वसूला गया है, लेकिन हालात जस के तस हैं।
========= झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई की गई है। एक बार फिर इनका धंधा जोर शोर से शुरू हो गया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी गई है। जल्द ही जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
-डा. एचएस ह्यांकी, सीएमएस टनकपुर