इंडियन आइडल में पवन को मिला गोल्डन टिकट

द वाइस आफ इंडिया के विजेता रह चुके चम्पावत के होनहार कलाकार पवनदीप राजन अब इंडियन आइडल सीजन-12 में धमाल मचा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:47 PM (IST)
इंडियन आइडल में पवन को मिला गोल्डन टिकट
इंडियन आइडल में पवन को मिला गोल्डन टिकट

संवाद सहयोगी, चम्पावत : द वाइस इंडिया के विजेता रह चुके चम्पावत के होनहार कलाकार पवनदीप राजन अब इंडियन आइडल 20-20 सीजन 12 में धमाल मचा रहे हैं। शनिवार से सोनी टीवी पर इस शो का प्रसारण शुरू हो गया है। जो लगातार पांच माह तक हर शनिवार और रविवार को रात आठ बजे से होगा। इंडियन आइडल के प्रथम शो में पवन को गोल्डन टिकट मिल गया। जिसके बाद वह आगे का सफर तय करेंगे। यह चम्पावत जिले के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।

अपनी जादुई आवाज व सुरों से बालीवुड के प्रसिद्ध गायकों को लुभा चुके पवनदीप राजन प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक सुरेश राजन के बेटे हैं। वे चंडीगढ़ के राक बैंड समूह से जुड़ चुके हैं। कुमाऊंनी, गढ़वाली, पंजाबी फीचर फिल्मों की एलबम आदि में भी प्लेबैक सिंगिंग भी करते हैं। अब उन्होंने अपनी गायिकी का जलवा इंडियन आइडल सीजन 12 में दिखाना शुरू कर दिया है।

उनके पिता सुरेश राजन ने बताया कि महज ढ़ाई साल की उम्र में पवन ने लोहाघाट नगर से लगेरायनगर चौड़ी गांव की रामलीला में तबला बजाकर सबको हैरत में डाल दिया। दो साल आठ माह की उम्र में वर्ष 1998 में उसने चम्पावत में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में भी तबला बजाकर सभी का ध्यान खींचा था। डेढ़ साल की उम्र से ही उनके ताऊ सतीश राजन ने उन्हें संगीत की रियाज देनी शुरू कर दी थी। पवनदीप राजन को संगीत विरासत में मिला है। उनके दादा जी स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे। पवनदीप फिल्म निर्माता निर्देशक प्रहलाद निहलानी, गायक सोनू निगम, अदनान सामी समेत अभिनेता गोविंदा, बॉबी देओल सहित कई नामचीन हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं।

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गुमदेश पट्टी के वल्चौड़ा में पैदा हुए पवनदीप

लोक गायक पवनदीप राजन का जन्म वर्ष 1996 में चम्पावत जिले के वल्चौड़ा गांव गुमदेश पट्टी में हुआ। उनकी शिक्षा दीक्षा जिले में ही हुई। बचपन से ही उनकी रुचि संगीत में थी। उनके पिता सुरेश राजन व ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही संगीत की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। आठ साल की उम्र में उन्होंने कुमाऊंनी गीत गाकर संगीत की दुनियां में कदम रखा। पवन ने चम्पावत के अपने घर में ही स्टूडियो खोला है। जहां कोविड काल में जागरूकता गीत रिकार्डिग कर उन्होंने लोगों को कोरोना से बचने का संदेश दिया।

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