सावन मास में शिवलिंग का जलाभिषेक मोक्ष दायक : पंडित कलौनी

हिदू धर्म में सावन का महीन काफी पवित्र माना गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:57 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:57 PM (IST)
सावन मास में शिवलिंग का जलाभिषेक मोक्ष दायक : पंडित कलौनी
सावन मास में शिवलिंग का जलाभिषेक मोक्ष दायक : पंडित कलौनी

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : हिदू धर्म में सावन का महीन काफी पवित्र माना गया है। इस माह का हर दिन भगवान शिव की पूजा के लिए पवित्र होता है। भगवान शकर की पूजा उनके पूरे परिवार के साथ करनी चाहिए। इस माह में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। इस मास में प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक किया जा सकता है ।

पंडित गिरीश चंद्र कलौनी ने बताया कि जो सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस माह हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नागपंचमी आदि प्रमुख त्योहार आते हैं। ये सभी त्योहार भगवान शिव से संबंधित हैं। बताया कि रुद्राभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, चीनी, गंगा जल तथा गन्ने के रस आदि से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है। अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र, शमीपत्र, कुश तथा दुर्वा आदि से पूजा की जाती है। अंत में भाग, धतूरा तथा श्रीफल को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन माह में ही समुद्र मंथन किया गया। हलाहल विष के पान से महादेव का कंठ नीला हो गया। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए इस माह शिव लिंग पर जल अर्पित करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन माह में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं। सावन माह में माता पार्वती ने निराहार रहकर कठोर व्रत किया और भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया। इसलिए यह माह भोले बाबा को प्रिय है।

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