चम्पावत व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचन तय

चम्पावत में चल रहे प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चुनाव में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 09:56 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 09:56 PM (IST)
चम्पावत व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचन तय
चम्पावत व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचन तय

चम्पावत, जेएनएन : चम्पावत में चल रहे प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के चुनाव में सभी पदों पर पदाधिकारियों का निर्वाचन तय हो गया है। बुधवार को सभी पदों पर आए एक-एक नामांकन जांच में सही पाए गए। अब मात्र एक नवंबर को इनकी औपचारिकता व विधिवत घोषणा शेष रह गई है। इससे प्रत्याशियों सहित व्यापारियों ने राहत की सास ली है।

प्रातीय उद्योग व्यापार मंडल जिला इकाई के बैनर तले चम्पावत व्यापार मंडल के गठन के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही थी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष पद पर हो रहे चुनाव को लेकर सभी पदों पर एक-एक ने ही दावेदारी पेश करते हुए नामांकन कराया था। बुधवार को सभी पदाधिकारियों के नामांकन पत्रों की जांच की गई। जाच में सभी के नामाकन पत्र सही पाए गए हैं। इससे अब व्यापार मंडल का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। करीब चार साल पूर्व पाच पदों के लिए व्यापार मंडल चुनाव हुए थे। सभी पदों पर आमने सामने की टक्टर रही। हार-जीत के बाद व्यापार मंडल दो गुटों में बंट गया था। यहा तक कि व्यापार मंडल की ओर से किसी भी प्रकार के आयोजन या बैठकों में एक गुट की भागीदारी लगभग खत्म हो गई थी, लेकिन इस बार प्रातीय व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष प्रकाश तिवारी, सचिव सतीश जोशी, व्यापार मंडल अध्यक्ष चम्पावत अमरनाथ सक्टा सहित निर्वाचन अधिकारी एनडी गड़कोटी, दीवान सिंह बोहरा, विक्त्रम खाती, बसंत तड़ागी और एडवोकेट शकर पाडेय के हस्तक्षेप के बाद निर्विरोध निर्वाचन कराया गया। अध्यक्ष पद पर विजय चौधरी, उपाध्यक्ष सतीश तिवारी, सचिव पद पर नवल जोशी तथा कोषाध्यक्ष पद पर केडी जोशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। एक नवंबर को सभी पदों पर मात्र औपचारिक व विधिवत घोषणा व प्रमाण देना शेष है। नए व्यापार मंडल के गठित होने के चलते व्यापारियों में एकता रहने की उम्मीद है। वहीं नए व्यापार मंडल के लिए व्यापारियों की समस्याओं का निस्तारण करना चुनौती होगा। कई व्यापारी जीएसटी की समस्या से परेशान है। इसके अलावा फूड लाइसेंस, बाट माप, श्रम पंजीकरण आदि समस्याओं से व्यापारियों को दो-चार होना पड़ रहा है।

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