चंद शासकों के समय से उपेक्षित चम्पावत के तीन जल स्रोतों का होगा संरक्षण, डीएम ने पेयजल निगम को प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश

चम्पावत जिला मुख्यालय के तीन सदाबहार प्राकृतिक जल स्रोतों का संव‌र्द्धन के लिए डीएम ने पहल की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jan 2020 10:50 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 06:16 AM (IST)
चंद शासकों के समय से उपेक्षित चम्पावत के तीन जल स्रोतों का होगा संरक्षण, डीएम ने पेयजल निगम को प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश
चंद शासकों के समय से उपेक्षित चम्पावत के तीन जल स्रोतों का होगा संरक्षण, डीएम ने पेयजल निगम को प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश

चम्पावत, जेएनएन : जिला मुख्यालय के तीन सदाबहार प्राकृतिक जल स्रोतों का संव‌र्द्धन कर पेयजलापूर्ति करने के साथ बेकार बह रहे पानी का उपयोग सिंचाई के कार्यो में किया जाएगा। जिलाधिकारी एसएन पांडेय ने पेयजल निगम के ईई को इन स्रोतों के संव‌र्द्धन के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ये तीनों जल स्रोत चंद शासकों के समय से ही उपेक्षित पड़े हुए हैं।

मादली ज्वाला मंदिर स्थित धारा, कलेक्ट्रेट रोड पर नेहरू युवा केंद्र के समीप के धारे के साथ ललुवापानी रोड पर स्थित स्रोत के दिन जल्द बहुरने वाले हैं। गर्मी के समय जब जिले के अधिकांश पेयजल स्रोत सूख जाते हैं तब इन स्रोतों का पानी ही लोगों की प्यास बुझाता है। ये सभी जल स्रोत चंद शासकों के समय से ही यहां के लोगों का सहारा बने हुए हैं, लेकिन ग्राम पंचायतों एवं संबंधित विभागों द्वारा अब तक इनके रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मादली स्थित जल स्रोत का संव‌र्द्धन करने के लिए लगभग 10 साल पूर्व स्वजल परियोजना से टंकी बनाई गई थी, लेकिन नियोजन सही ढंग से न हो पाने के कारण इसका लाभ क्षेत्रवासियों को नहीं मिल पाया। बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश पांडेय ने जिलाधिकारी के सामने इन जल स्रोतों की उपयोगिता की जानकारी देते हुए उनका रखरखाव करने की मांग की। उन्होंने बताया कि इन स्रोतों का उचित प्रबंधन किया जाए तो न केवल गर्मी के सीजन में बल्कि पूरे वर्ष भर क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जा सकती है। यही नहीं बेकार बह रहे पानी को एकत्रित कर उसका उपयोग सिंचाई में भी किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने पेयजल निगम के ईई वीके जोशी को तीनों जल स्रोतों के संव‌र्द्धन के लिए योजना तैयार करने और कृत कार्रवाई से उन्हें अवगत कराने को कहा। ======== काफी लंबे समय से हो रही थी संव‌र्द्धन की मांग

चम्पावत : मुख्यालय के इन प्रमुख जल स्रोतों का संरक्षण और संव‌र्द्धन करने की मांग काफी लंबे समय से हो रही थी। इन स्रोतों का रखरखाव सही ढंग से किया गया तो लगभग दो हजार की आबादी प्रत्यक्ष तथा एक हजार परोक्ष रूप से लाभांवित होगी। ======= जाड़ों में गर्म रहता है स्रोतों का पानी

चम्पावत : इन प्राकृतिक जल स्रोतों की खासियत यह है कि जाड़ों में इनका पानी गर्म और गर्मी में ठंडा रहता है। आस पास के लोग नहाने और कपड़े धोने के लिए आज भी इन्हीं स्रोतों के जल का उपयोग करते हैं। पानी साफ और स्वच्छ होने के चलते सरकारी नलों को छोड़कर लोग इन्हीं स्रोतों का पानी पीते हैं। ========= जिलाधिकारी ने चम्पावत के तीन जल स्रोतों के प्रोटेक्शन के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एक दो दिन में इन स्रोतों का निरीक्षण करने के बाद योजना तैयार की जाएगी।

-वीके जोशी, ईई पेयजल निगम चम्पावत

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