रामलीला में परशुराम-लक्ष्मण संवाद की लीला का हुआ मंचन
नेपाल सीमा से लगे मडलक में चौथे दिन परशुराम-लक्ष्मण संवाद से लेकर सीता स्वयंवर तक का मंचन हुआ।
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे मडलक में चौथे दिन परशुराम-लक्ष्मण संवाद से लेकर सीता स्वयंवर तक की रामलीला का मंचन किया गया। कोविड 19 के नियमों का पालन करने के साथ रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार देर रात तक दर्शकों ने देर रात तक रामलीला में परशुराम लक्ष्मण संवाद का मनोरंजन भरपूर आनंद उठाया। शिव धनुष को टूटा देखकर परशुराम हाथ में फरसा लहराते राजा जनक के दरबार में पहुंच गए। लक्ष्मण और परशुराम का जमकर विवाद हो गया। परशुराम ने क्रोधित होकर लक्ष्मण से कहा बालक छोटा बड़ा ही खोटा तो वहीं लक्ष्मण ने फरसा दिखलाकर बार बार क्या मुझे डराने आए हो का लोगों ने आनंद उठाया। राम ने भ्रता शांति करो मन धैर्य धरो का गायन किया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भुवन चंद्र भट्ट ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान हरीश चंद्र पांडेय, विक्रम सिंह सामंत, हरीश बोहरा, बासुदेव उपाध्याय, सतीश पांडेय, गणेश सिंह, अमर नाथ, सोबन सिंह, दिनेश, हयात सिंह आदि मौजूद रहे।