जंगल जलने से पशुओं के सामने चारे का संकट

जंगलों में आग लगने से पशुपालकों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:56 PM (IST)
जंगल जलने से पशुओं के सामने चारे का संकट
जंगल जलने से पशुओं के सामने चारे का संकट

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : जंगलों में आग लगने से पशुपालकों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया है। लंबे समय से बारिश न होने से खेत सूख गए हैं, ऐसे में वनाग्नि की घटनाओं ने रही सही कसर पूरी कर दी है। पशुपालकों को मजबूरन पैसा खर्च कर जानवरों के लिए चारा खरीदना पड़ रहा है।

पशुपालकों ने इस समस्या के समाधान के लिए पशुपालन विभाग से मवेशियों के लिए निश्शुल्क चारा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में लंबे समय से बारिश न होने से गोचर पनघट सूख गए हैं। जंगल की आग से बची खुची घास और चारा पत्ती भी जलकर खाक हो चुकी है। पशुपालकों का कहना है कि जल्द बारिश नहीं हुई तो उनके सामने पशुओं का पेट भरने की चुनौती पैदा हो जाएगी। बारिश न होने से इस बार खेतों में चरी, जौं और बरसीम का उत्पादन भी नहीं हुआ है। ========= जंगलों में आग लगने से चारा पत्ती और घास जल गई है। गोचर पनघट क्षेत्र आग से झुलस गए हैं। पशुपालक बाजार से चारा खरीदने को मजबूर हैं। इससे दुग्ध उत्पादन भी घट सकता है।

-मदन पुजारी, पशुपालक

========= बारिश न होने और अब वनों की आग से पशुओं का चारा नष्ट हो गया है। पशुपालकों के पास उपलब्ध गाज्यौ घास भी समाप्त हो गई है। पशुपालन विभाग को मुफ्त चारा देना चाहिए।

- जगत प्रकाश चतुर्वेदी, पशुपालक

======== चारे का संकट होने से पशुपालकों को परेशानी हो रही है। महंगे दामों में भी गाज्यौ घास नहीं मिल रही है। आग लगने से जंगलों में सारा चारा जल गया है। जल्द बारिश नहीं हुई तो हालात खराब हो जाएंगे।

-गोपाल सिंह माहरा, पशुपालक

======== पशुपालकों की समस्या को देखते हुए पशुपालन विभाग को मुफ्त चारा देना चाहिए। आग लगने से जंगलों का चारा जल चुका है। कोई मदद नहीं मिली तो पशुपालक पशुओं का बेचने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

-प्रकाश चंद्र, पशुपालक

chat bot
आपका साथी