नव वर्ष पर पचास हजार श्रद्घालुओं ने मां पूर्णागिरि धाम में नवाया शीश

नव वर्ष पर करीब पचास हजार श्रद्घालुओं ने टनकपुर स्थित सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में शीश नवाने पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jan 2020 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 06:16 AM (IST)
नव वर्ष पर पचास हजार श्रद्घालुओं ने मां पूर्णागिरि धाम में नवाया शीश
नव वर्ष पर पचास हजार श्रद्घालुओं ने मां पूर्णागिरि धाम में नवाया शीश

टनकपुर, जेएनएन : नव वर्ष पर करीब पचास हजार श्रद्घालुओं ने सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में शीश नवाकर मन्नत मांगी। पिछली बार की अपेक्षा इस बार श्रद्धालुओं की संख्या काफी कमी रही। सीएए के विरोध व मैदानी क्षेत्र में ठंड का प्रकोप अधिक होने से भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई हैं। वहीं दुकानदार जगदीश तिवारी ने बताया कि थर्टी फ‌र्स्ट को लेकर एक सप्ताह पूर्व से तैयारी शुरू कर दी थी। श्रद्धालु कम आने से दुकानदारों में खासी मायूसी छायी रही। वहीं बूम पार्किग में भी गाड़ियों की संख्या कम रही। इधर श्रद्धालुओं को मां पूर्णागिरि धाम में दर्शनों के लिए तीर्थ यात्रियों को घटों तक लाइन में इंतजार करना पड़ा। मंगलवार से ही मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। रात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एसपी लोकेश्वर ने पूर्णागिरि क्षेत्र का जायजा लिया व पुलिस को दिशा निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। ======= नेपाल स्थित सिद्धनाथ मंदिर में भी उमडे़ श्रद्धालु

टनकपुर: मां पूर्णागिरि धाम के साथ-साथ पडोसी देश नेपाल के ब्रह्मदेव मंडी स्थित सिद्घनाथ मंदिर में भी दर्शन को भारी संख्या में श्रद्धालु उमडे़। वहीं शारदा बैराज के पास मार्ग में ही कई दुकान व ठेले के लगने से जाम की स्थिति बनी रही। शारदा बैराज के मस्जिद के नीचे नगर पालिका द्वारा पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। ========

भंडारों से तीर्थ यात्रियों को मिली राहत

टनकपुर : बूम, ठूलीगाढ़ में भक्तों द्वारा भंडारे लगाए गए थे। इन भंडारों के लगने से तीर्थ यात्रियों को काफी राहत मिली। इस बार नव वर्ष में पिछली बार की अपेक्षा भंडारे की लगे। जगह-जगह लगे इन भंडारों में चाय नाश्ता, भोजन, फल भी श्रद्धालुओं को दिए गए। पीलीभीत से आए अमित ने बताया कि उन्होंने बूम मंदिर के पास भंडारे का आयोजन किया था। जिससे भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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