टमाटर में झुलसा रोग लगने से काश्तकारों की बढ़ी चिंता
चम्पावत जिले में लगातार बिगड़ते मौसम से टमाटर की फसल पर खतरे के बादल मडराने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : जिले में लगातार बिगड़ते मौसम से टमाटर की फसल पर खतरे के बादल मडराने लगे हैं। बीते एक पखवाडे़ से हो रही बारिश व ओलावृष्टि से टमाटर में झुलसा व अन्य कई रोग लगने शुरू हो गए हैं। कोरोना काल में मौसम की मार ने किसानों की चिंता को बढ़ने लगी है।
जनपद में टमाटर का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है। अधिकतर किसानों के लिए टमाटर आय का मुख्य साधन भी है। बीते वर्ष टमाटर के अच्छे दाम मिलने के बाद किसान काफी उत्साहित थे, लेकिन इस बार मौसम ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। रविवार से क्षेत्र में सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश और बादल छाए रहने से तापमान सामान्य से पाच डिग्री सेल्सियस कम है। इसका सबसे अधिक असर टमाटर की खेती पर पड़ रहा है। तापमान कम व अधिक बारिश होने से टमाटर झुलसा रोग की चपेट में आने लगा है। इसके अलावा बारिश से किसानों के खेतों में पानी जमा हो रहा है। इससे टमाटर के पौधे सूखने शुरू हो गए हैं। इसकी वजह से भी किसानों को नुकसान हो रहा है।
किसान रघुवर दत्त्त मुरारी, तारादत्त्त खर्कवाल, जगदीश चंद्र, प्रकाश चंद्र, त्रिलोक सिंह, गोविंद बल्लभ, उर्वादत्त्त आदि का कहना है कि यदि मौसम इसी तरह बना रहता है तो नुकसान का अधिक बढ़ सकता है। इधर मुख्य कृषि अधिकारी राजेंद्र उप्रेती का कहना है कि खराब मौसम की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान हो सकता है। बारिश का पानी किसान खेतों में एकत्रित न होने दें तथा पानी की निकासी का उचित इंतजाम करें। नुकसान की रिपोर्ट मंगवाई गई है।
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फोटो: 10 एलजीटी पी 2
वन्य जीवों से सब्जी बचाने के लिए धोती की बाड़
संस, लोहाघाट : पाटी ब्लाक के ग्राम सभा गरसाड़ी में इन दिनों जंगली जानवर किसानों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। किसान फसल बचाने के लिए लकड़ी की बाड़ के साथ धोती का सहारा ले रहे हैं। किसान को फसल केवल मौसम की मार या फिर मंदी से ही नहीं बचाना पड़ता है, बल्कि उसे जंगली जानवरों से भी बचाने के लिए नित नए उपाय करने पड़ते हैं। ग्राम सभा गरसाड़ी व आसपास के क्षेत्रों में आलू समेत कई तरह की सब्जी की बोआई की जाती है। इस क्षेत्र में जंगली सुअर की भी भरमार है। जिसके चलते आलू व अन्य सब्जी को खतरा बना रहता है। किसान निवास चंद्र बिष्ट, लीलाधर, प्रकाश चंद्र, पार्वती देवी, जानकी देवी, भागा देवी आदि ने बताया कि जंगली जानवर खासतौर पर जंगली सुअर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों को रात में खेतों की रखवाली करनी पड़ती है। कुछ किसान खेत के चारों ओर पुरानी साड़िया बाधते हैं। इस तरह से जंगली जानवर खेतों में नहीं घुस पाते हैं। उन्होंने सरकार से जानवरों आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।