पेयजल समस्या से परेशान ग्रामीणों का फूटा आक्रोश
पेयजल समस्या से जूझ रहे डुंगरालेटी के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : ग्रामसभा डुंगरालेटी में पहुंचे पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष हिमेश कलखुडि़या को ग्रामीणों ने पेयजल समस्या से अवगत कराया। उन्होंने कहा कई बार अधिकारियों के सामने पेयजल संकट का मामला उठाया गया है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बताया कि बीते अक्टूबर माह में आई आपदा के कारण क्षेत्र की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है। गांव वालों ने बताया कि वे डेढ़ से दो किमी दूर से पानी ढोकर दिनचर्या चला रहे हैं। मवेशियों एवं घर के कामकाज के लिए पानी ढोने में ही लोगों का अधिकांश समय खर्च हो रहा है। उन्होंने जल्द पेयजल लाइन को दुरुस्त करने की मांग की। इस दौरान ग्रामीणों ने जल संस्थान के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन करने वालों में किशन सिंह, सुरेश कलौनी, भीम चंद, कल्याण सिंह, त्रिलोचन, सूरज चंद, रतन सिंह, पुष्कर सिंह, उमेश आदि मौजूद रहे। ========== आपदाग्रस्त क्षेत्र में खनन से ग्रामीणों में आक्रोश
मुनस्यारी : तहसील के आपदा प्रभावित गांव साइपोलू के ग्रामीणों ने मुनस्यारी -मिलम मार्ग का निर्माण कर रही दो निर्माण कंपनियों पर आपदा प्रभावित क्षेत्र में अवैध खनन का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से करते हुए खतरे में आए जिमीघाट को बचाने की मांग की है।
तहसील मुख्यालय पहुंचे साइपोलू के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण का कार्य कर रही एबीसीएल और राठी कंपनी के लोग ग्राम पंचायत के आपदा प्रभावित क्षेत्र जिमीघाट में अवैध खनन किया जा रहा है। खनन के चलते पेयजल लाइन, आम रास्ता ध्वस्त हो चुके हैं। अवैध खनन से उठ रही धूल से ग्रामीणों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है। अवैध खनन से देवी का मंदिर भी ध्वस्त हो चुका है।
ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर कहा है कि अवैध खनन से उनकी आस्था का केंद्र ध्वस्त हो चुका है। शासन द्वारा जिमीघाट को आपदा प्रभावित गांव घोषित किया गया है। आपदाग्रस्त क्षेत्र में खनन पर रोक लगाई है। इसके बावजूद भी कंपनियां बेधड़क खनन कर रही हैं। 24 घंटे क्रशर मशीन चलती रहती है। विरोध करने पर ग्रामीणों को धमकाया जाता है। ग्रामीणों ने एसडीएम से तत्काल अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की है। रोक नहीं लगने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।