नवरात्र के दूसरे दिन भी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने मा दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 10:47 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 10:53 PM (IST)
नवरात्र के दूसरे दिन भी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नवरात्र के दूसरे दिन भी मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जागरण टीम, चम्पावत/लोहाघाट : नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने मा दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। देर शाम तक पूजा अर्चना व भजन कीर्तन का दौर जारी रहा।

चम्पावत के मां हिगला देवी मंदिर में नगर के अलावा विभिन्न ग्रामीण इलाकों से पहुंचे भक्तों ने विधि विधान से पूजा की। बालेश्वर, नागनाथ, डिप्टेश्वर, क्रांतेश्वर, मानेश्वर आदि शिव मंदिरों में भक्तों ने शक्ति के साथ भगवान शिव को भी पूजा से प्रसन्न किया। गोल्ज्यू मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ भजन कीर्तन हुए। मंदिरों में नौ दिन का व्रत रख रहे पुजारियों ने पुजारियों ने कोरोना को खत्म करने के लिए यज्ञ किया। लोहाघाट के देवीधार, ऋषेश्वर महादेव, दिगालीचौड़ के मां अखिलतारिणी मंदिर पाटन के झुमाधुरी, सुई के मां भगवती, आदित्य महादेव, गलचौड़ा बाबा, भूमिया बाबा विशुंग के मां कड़ाई देवी मंदिर, देवीधुरा के मां बाराही मंदिर, बाराकोट के बर्दाखान स्थित मां वरदायिनी मंदिर, गंगनाथ बाबा मंदिर, चौमेल के चमू देवता मंदिर में भी दिन भर पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा। जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में भी मंदिर शंख घंटे और मंत्रोच्चार से गूंजते रहे। टनकपुर शारदा घाट में मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्थानीय भक्तों ने पंचमुखी महादेव मंदिर समेत अन्य मंदिरों में जलाभिषेक किया। इधर डीएम विनीत तोमर ने श्रद्धालुओं से मंदिर में दर्शन के दौरान कोविड के नियमों का पालन करने की अपील की है।

===== थल मेले में श्रद्धालुओं ने किया शिवलिंग का जलाभिषेक

थल (पिथौरागढ़) : विषवत् संक्रांति को रामगंगा और बहुला नदी के संगम पर स्थित पौराणिक बालेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में आयोजित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक मेले में लगभग दस हजार के आसपास श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंच कर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। प्रात: चार बजे से अपरान्ह तीन बजे तक मंदिर में पूजा, अर्चना और जलाभिषेक कार्यक्रम चला। इस दौरान भक्तो रामगंगा नदी में पवित्र स्नान कर शिवलिंग के दर्शन कर जलाभिषेक किया।

मान्यता है कि वैशाखी के दिन बालेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना और पाठ करने से रोग, शोक, संताप सहित सारे परिहार नष्ट हो जाते हैं। नव संवत्सर में लोग अपनी राशि पर आए दोष को दूर करने के लिए यहां पर चांदी का वाम पाद चढ़ाते हैं वही ग्रह दशाओं की शांति के लिए पाठ कर छुटकारा पाते हैं। इस दौरान मंदिर में आए भक्तों को कुल पुरोहितों ने अपने यजमानों के पाठ संपन्न कराए। इस मौके पर मंदिर आने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रही।

कोविड को देखते हुए थानाध्यक्ष सुनील बिष्ट के नेतृत्व में मंदिर में पुलिस की मौजूदगी में लोगों को बारी -बारी से शिवलिंग के दर्शन कराए गए और सामाजिक दूरी का पालन कराया गया। स्कंद पुराण के अनुसार आज के दिन जो भी बालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करता है उसे काशी के बराबर का पुण्य मिलता है।

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