भाग की खेती का मामला पहुंचा आयोग
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही ह
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। बीड़ी सिगरेट, गुटखा, शराब, चरस आदि के नशे के साथ साथ अब स्मैक जैसे नशे भी पहाड़ों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। जनपद में भी चरस के साथ-साथ स्मैक पहुंचने से क्षेत्र के लोग चिंतित हैं। युवाओं व बच्चों में नशे से पड़ रहे दुष्प्रभाव को रोकने के लिए जनपद के एक निवासी ने चम्पावत सहित कुमाऊं के पाच जनपदों में जबरदस्त तरीके से भाग की खेती करने की शिकायत उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में की। जिस पर आयोग ने एक माह के भीतर इस मामले में जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के उपमहानिरीक्षक कुमाऊं व आयुक्त कुमाऊं मंडल को निर्देश दिए हैं।
कुमाऊं मंडल के चम्पावत, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर में भारी मात्रा में उगाई जा रही भांग का युवाओं में बुरा असर पड़ रहा है। जहां पहले काश्तकार भांग को चटनी बनाने के लिए उगाते थे वहीं अब अधिकांश काश्तकारों ने इसे अपना व्यवसाय बना लिया है। व्यवसाय भांग के बीजों के लिए नहीं बल्कि चरस के निर्माण के लिए। इसी के चलते जनपद में पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार दूर-दराज के गांवों में भांग की खेती को नष्ट किया जा रहा है तथा बीते माह पुलिस द्वारा कई किलो चरस बरामद की गई है। जनपद में लगातार पकड़ी जा रही चरस पर चिंता व्यक्त करते हुए ग्राम लड़ा पोस्ट झुडेली पाटी निवासी सतीश सिंह लडवाल ने कार्यवाई के लिए बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बाल अधिकारों का उल्लंघन, बाल संरक्षण कानूनों का लागू न किए जाने, बच्चों को राहत पहुंचाने वाले नीतिगत फसलों को लागू न किए जाने आदि के आधार पर आयोग ने डीआइजी व कमिश्नर कुमाऊं को पत्र लिखकर एक माह के भीतर जाच कर कार्यवाही से अवगत कराने के आदेश दिए हैं। इधर बता दें कि बीते माह में जनपद पुलिस ने चरस के खिलाफ जबरदस्त तरीके से अभियान चलाकर 35 किग्रा से अधिक की चरस पकड़ी थी। जिसमें एक दर्जन से अधिक चरस तस्करों को पकड़कर जेल भेज चुकी है।