रुक रुक कर हो रही बारिश से बढ़ी ठंड

संवाद सहयोगी लोहाघाट बुधवार को मौसम ने सुबह से ही करवट बदलनी शुरू कर दी। सुबह से ही आस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:16 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 10:16 PM (IST)
रुक रुक कर हो रही बारिश से बढ़ी ठंड
रुक रुक कर हो रही बारिश से बढ़ी ठंड

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : बुधवार को मौसम ने सुबह से ही करवट बदलनी शुरू कर दी। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। ठंडी हवा ने तापमान में गिरावट ला दी है। आसमान में बादल छाने तथा सर्द हवा चलने से अधिकतम तापमान में 21 तथा न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई। पहाड़ों में पिछले एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से ठंड बढ़ गई है। सुबह करीब चार बजे हवाएं चली और आठ बजे से रिमझिम बारिश होने लगी। किसान प्रकाश सिंह, गोपाल सिंह, जगदीश चंद्र, राम सिंह आदि ने कहा कि अच्छी बारिश होती तो बोवाई शुरू कर दी जाती। घाटी क्षेत्रों में नहरों में पानी की कमी होने के कारण सिंचाई भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा अच्छी बारिश होने के बाद ही वे बोवाई शुरू करेंगे। ========= लगातार हो रही बारिश से खिले काश्तकारों के चेहरे

चम्पावत : मई माह में हो रही बारिश से काश्तकारों के चेहरे खिल गए हैं। काफी कम अंतराल के बाद हो रही बारिश आलू, अदरक, गडेरी, पिड़ालू के अलावा सब्जी पौधों के लिए वरदान मानी जा रही है। पॉलीहाउस से बाहर सब्जी उत्पादन करने वाले काश्तकारों को बारिश ने सबसे अधिक राहत दी है। चम्पावत समेत जिले के अन्य स्थानों में बुधवार को भी कहीं झमाझम बारिश तो कहीं बूंदाबांदी हुई।

अप्रैल माह तक बारिश न होने से रबी की फसल को काफी अधिक नुकसान पहुंचा। यहां तक कि खेतों में बोई गई साग सब्जी के पौधे ग्रोथ नहीं कर पाए। खेतों में नमी सूखने से आलू की फसल भी झुलसने के कगार पर पहुंच गई। बारिश के अभाव में गेहूं, जौ, मसूर आदि फसलों को इस बार व्यापक नुकसान पहुंचा। मई माह आते-आते सब्जी उत्पादक काश्तकारों को बारिश से राहत मिल गई। कुछ दिन के अंतराल के बाद रुक-रुक कर बारिश होने का सिलसिला जारी है। खेतों में पर्याप्त नमी के बाद जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में मडुवा, सोयाबीन, भट्ट, राजमा आदि फसलों की बोवाई भी शुरू हो गई है। जबकि शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर, गोभी आदि के पौधों की रोपाई भी जोर शोर से चल रही है। कृषि विज्ञान केंद्र सुई के प्रभारी अधिकारी डा. एमपी सिंह ने बताया कि मई माह में सब्जी और फसल उत्पादन के लिए काफी अच्छी बारिश हो चुकी है। आलू की फसल के लिए बारिश पर्याप्त है। इससे अधिक बारिश से आलू की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। बताया कि 15 से 20 दिन के अंतराल पर बारिश होती रहे तो इससे फसल उत्पादन काफी अच्छा हो सकता है। ========== ओलावृष्टि ने पहुंचाया नुकसान

चम्पावत : एक सप्ताह के भीतर जिले में दो से तीन बार ओले गिरने से काश्तकारों को काफी अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। ओलों की मार से आडू, पुलम, खुबानी, माल्टा, संतरा, नींबू, नाशपाती आदि के फल गिरने के अलावा खेतों में लगाई गई सब्जी पौध टूट कर गिर गए हैं। चम्पावत, खेतीखान, पाटी, भिंगराड़ा, लोहाघाट क्षेत्र के कई गांवों में आलू के पौधों को भी इससे जबर्दस्त नुकसान हुआ है।

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