ग्रामीणों ने किया अधिशासी अभियंता का घेराव

विकासखंड कर्णप्रयाग के अंतर्गत ग्रामीण मोटर मार्गों पर मानक के अनुरूप कार्य न किए जाने से ग्रामीण गुस्से में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 07:41 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 10:59 PM (IST)
ग्रामीणों ने किया अधिशासी अभियंता का घेराव
ग्रामीणों ने किया अधिशासी अभियंता का घेराव

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: विकासखंड कर्णप्रयाग के अंतर्गत ग्रामीण मोटर मार्गों पर मानक के अनुरूप कार्य न किए जाने से ग्रामीण गुस्से में हैं। गुरुवार को बगोली-चूला-गबनी 13 किलोमीटर मोटर मार्ग निर्माण के द्वितीय चरण में किए जा रहे घटिया डामरीकरण की शिकायत पर पहुंचे अधिशासी अभियंता बीएन गोदियाल का घेराव किया। ग्रामीणों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए अधिशासी अभियंता और ठेकेदार के खिलाफ भी नारेबाजी की।

क्षेत्रीय प्रधान उमा देवी, रणवीर सिंह, अवतार सिंह, मनवर सिंह, महेंद्र, मुकेश, धीरेंद्र और मनोहर ने कहा कि बीते छह साल से 13 किलोमीटर मोटर मार्ग के प्रथम फेज का कार्य पूरा तो किया गया, लेकिन इस दौरान कार्यदायी संस्था ने तैयार आठ डंपिग जोन न बनाकर एक ही डंपिग जोन बनाया जबकि डंपिग जोन के लिए 32 लाख रुपये की राशि स्वीकृत थी। इस दौरान सड़क कटिग कार्य के मलबे को खेतों में डाला गया, जिससे ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि बर्बाद हो गई। वहीं कटिग कार्य भी मानकों को ताक पर रखकर किए गए, जिससे पेयजल योजनाएं टूट गई। पेयजल लाइन टूटने से पानी का संकट भी खड़ा हो गया।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क कटिग के दौरान कई आवासीय भवन खतरे की जद में हैं और शौचालय भी क्षतिग्रस्त किए गए हैं। संपर्क रास्ते भी गांव के टूटे हैं, जिससे आवागमन खतरनाक बनी है। सड़क निर्माण के द्वितीय चरण कार्य में डामरीकरण कार्य प्रस्तावित है, लेकिन दो से तीन किलोमीटर किया गया डामरीकरण कार्य पांच माह में ही उखड़ गया है, जिससे पीएमजीएसवाई के कार्यों की गुणवत्ता की पोल खुल गई है।

ग्रामीणों के साथ अधिशासी अभियंता बीएन गोदियाल, सहायक अभियंता पन्नी लाल, सुधीर चंद्र की एक घंटे तक चली वार्ता के बाद ग्रामीण शांत हुए। इस दौरान अधिशासी अभियंता बीएन गोदियाल ने बताया कि द्वितीय चरण के कार्य में किमी एक में डामरीकरण कार्य बारिश के चलते उखड़ा गया है, जिसे ठेकेदार से दोबारा कराया जाएगा। साथ ही पेयजल लाइनों को पहुंचे नुकसान का आगणन करने को मुख्य अभियंता जल संस्थान को भेजा जाएगा। साथ ही अन्य समस्याओं का निराकरण भी कर दिया जाएगा।

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