गणतंत्र दि‍वस पर गैरसैंण के ग्रामीणों ने उठाई कुदाल, खुद शुरू किया सड़क का निर्माण; पढ़ि‍ए पूरी खबर

जहां एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था वहीं चमोली जिले के गैरसैंण ब्‍लॉक के सेरा ग्राम सभा के तीन गांव के ग्रामीणों ने गणतंत्र दिवस पर गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए हाथों में कुदाल गेंती लेकर सड़क खुदाई का काम शुरू कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 10:22 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 10:22 PM (IST)
गणतंत्र दि‍वस पर गैरसैंण के ग्रामीणों ने उठाई कुदाल, खुद शुरू किया सड़क का निर्माण; पढ़ि‍ए पूरी खबर
चमोली के गैरसैंण ब्‍लॉक के सेरा ग्राम सभा के तीन गांव के ग्रामीणों ने खुद शुरू किया सड़क का निर्माण।

संवाद सहयोगी गोपेश्वर। जहां एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था, वहीं चमोली जिले के गैरसैंण ब्‍लॉक के सेरा ग्राम सभा के तीन गांव के ग्रामीणों ने गणतंत्र दिवस पर गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए हाथों में कुदाल, गेंती लेकर सड़क खुदाई का काम शुरू कर दिया है। बता दें कि ग्रामीण पिछले 11 साल से मालकोट-कालीमाटी-सेरा-तेवाखर्क मोटर मार्ग के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन वर्तमान तक इस पर कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

चमोली जिले के गैरसैंण ब्‍लॉक के सेरा ग्राम सभा में तीन गांव सेरा, मालकोट और कालीमाटी आते हैं। इसकी कुल आबादी करीब डेढ़ हजार है। यहां के ग्रामीण कब सड़क की मांग कर रहे हैं। सेरा गांव की ग्राम प्रधान हेमा बिष्ट का कहना है कि सरकार से मोटर मार्ग निर्माण की मांग अनसुनी कर रही है। वहीं, मालकोट गांव की प्रधान प्रियंका देवी का कहना है कि सरकार की बेरुखी से अब ग्रामीणों को खुद ही श्रमदान कर सड़क बनाने की पहल शुरू की गई है।

उधर, कालीमाटी गांव की प्रधान अनिता देवी का कहना है कि पिछले 11 साल से ग्रामीण मालकोट-कालीमाटी-सेरा-तेवाखर्क मोटर मार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे है। चार साल पूर्व इसका सर्वे हुआ और मोटर मार्ग के पेड़ भी काटे गए, लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्य शुरू नहीं हुआ। ग्रामीणों को गांव तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं, बच्चों को भी यही दूरी स्कूल पहुंचने के लिए नापनी पड़ती है। पूरा रास्ता जंगल का है और हर समय जंगली जानवरों का भय बना रहता है। ऐसे में ग्रामीण अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंता बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि दो जनवरी को ग्रामीणों ने फिर से उत्तराखंड के सीएम को ज्ञापन भेजकर 25 जनवरी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की थी। उसमें कहा गया था कि यदि ऐसा नहीं होता है तो 26 जनवरी से ग्रामीण स्वयं ही सड़क निर्माण कार्य शुरू कर देंगे। अब ग्रामीणों ने स्वयं के बुते पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। 500 से अधिक ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क निर्माण शुरू किया हे। निर्णय लिया गया कि सड़क निर्माण पूरा होने तक  कार्य जारी रहेगा।

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