फूलों की घाटी क्षेत्र में फटा बादल, रास्ता बंद होने से रोकी गई यात्रा; सैकड़ों पर्यटक कर रहे मार्ग खुलने का इंतजार

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में रविवार देर रात बादल फट गया। इससे ग्लेशियर पॉइंट के आसपास पैदल रास्ता बंद हो गया है। साथ ही फूलों की घाटी रास्ते पर बामणधोंण में पुल बहने के साथ ही द्वारिपेरा में 20 मीटर रास्ता बह गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 11:16 AM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 11:18 PM (IST)
फूलों की घाटी क्षेत्र में फटा बादल, रास्ता बंद होने से रोकी गई यात्रा; सैकड़ों पर्यटक कर रहे मार्ग खुलने का इंतजार
फूलों की घाटी क्षेत्र में फटा बादल, रास्ता बंद होने से रोकी गई यात्रा।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में रविवार देर रात बादल फट गया। इससे ग्लेशियर पॉइंट के आसपास पैदल रास्ता बंद हो गया है। साथ ही फूलों की घाटी रास्ते पर बामणधोंण में पुल बहने के साथ ही द्वारिपेरा में 20 मीटर रास्ता बह गया है। फिलहाल, आज के लिए घाटी की यात्रा पर रोक लगा दी गई है। वहीं, सैकड़ों पर्यटक पैदल मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

फूलों की घाटी में बादल फटने से किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। पर, कई जगहों पर रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर देखा कि ग्लेशियर पॉइंट के पास रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे फूलों की घाटी जाने वाले सैलानियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं।

वन विभाग की टीम 12 मजदूर लेकर सुबह छह बजे मौके पर रवाना हो गई और हर हाल में आज पैदल पुल के साथ रास्ता बहाल कर दिए जाने की बात कही। वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती का कहना है कि 12 मजदूर सहित वन विभाग की टीम मौके पर जाकर रास्ते और पुल निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। शाम तक फूलों की घाटी का पैदल मार्ग यात्रा के लिए बहाल हो जाएगा। आज के लिए फूलों की घाटी की यात्रा रोक दी गई है। घांघरिया फूलों की घाटी के गेट से अंदर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।

ऋषिकेश के पास बीन नदी के ऊफान में फंसा हल्द्वानी से आया कैदी वाहन

ऋषिकेश: ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच चीला मार्ग पर बीन नदी उफान पर है। सोमवार दोपहर हल्द्वानी से ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आ रहा एक कैदी वाहन बीच नदी में फंस गया। वाहन में एक कैदी समेत चार लोग सवार थे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद वाहन को सुरक्षित निकाल लिया गया। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद उनियाल ने बताया कि फिलहाल वाहनों को बीन नदी से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सड़कों पर भूस्खलन की मार

प्रदेश में बारिश के साथ ही भूस्खलन से आवाजाही चुनौती बनी हुई है। केदारनाथ हाईवे मलबा आने से कई जगह बंद हैं, वहीं बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा आने से बाधित होता रहा। हालांकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु रहा। दूसरी ओर पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग चार दिन से बंद है। यहां गिरगांव के निकट पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। इसके अलावा दारमा मार्ग बंद होने से चीन सीमा का संपर्क टूटा हुआ है।

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