बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर ट्रॉमा सेंटर बना सफेद हाथी

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : बदरीनाथ यात्रा मार्ग के अहम पड़ाव कर्णप्रयाग में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 07:25 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 11:55 PM (IST)
बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर ट्रॉमा सेंटर बना सफेद  हाथी
बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर ट्रॉमा सेंटर बना सफेद हाथी

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : बदरीनाथ यात्रा मार्ग के अहम पड़ाव कर्णप्रयाग में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही हैं। बीते डेढ़ दशक से यहां फिजिशियन, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक, पैथोलॉजिस्ट के पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं 10 वर्ष से लाखों की लागत से तैयार ट्रॉमा सेंटर संचालन की अनुमति शासन स्तर से लंबित हैं। वहीं बीते पखवाडे़भर से अस्पताल की एंबुलेंस के टायर खराब होने से गंभीर मरीजों को निजी वाहन से ले जाने को विवश हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों की माने तो चिकित्सकों की तैनाती के लिए लगातार शासन से पत्राचार किया जा रहा है साथ ही ट्रॉमा सेटरों को सीएचसी में मर्ज करने की तैयारी शासन स्तर पर चल रही है। लेकिन वर्तमान में बदरीनाथ राजमार्ग पर 88 लाख रुपये की लागत से तैयार ट्रामा सेटर भवन में मूलभूत संसाधनों का टोटा बना है, ऑक्सीजन सिलेंडर, एक्स-रे सहित चिकित्सक तैनात न होने से सेंटर सफेद हाथी साबित हो रहा है। और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने से रेफर सेटर बने हुए हैं। चिकित्सालय में संसाधनों के अभाव में गंभीर मरीजो को हायर सेंटर भेजना मजबूरी बन जाता है।

बदरीनाथ सहित पांच विकासखंडों का केंद्रवर्ती स्थल कर्णप्रयाग में हालांकि सीएचसी भवन है। लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में मरीज को आज भी बेहतर सेवाओं का इंतजार है। सीएचसी में प्रतिमाह 10 हजार से अधिक मरीज देवाल, गैरसैंण, थराली, घाट, नारायणबगड़ व गोपेश्वर मुख्यालय से पहुंचते हैं। लेकिन यहां एक ही विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक की तैनाती है। जिला चिकित्साधिकारी तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि अस्पताल की एंबुलेंस वाहन के टायर बदले जाने हैं। जिसकी प्रक्रिया गतिमान है। लेकिन मरीजों को जरूरत पड़ने पर 108 सेवा तत्काल उपलब्ध कराई जा रही है। जबकि विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में ट्रॉमा सेंटर का संचालन संभव नहीं है। इसके लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है। जनपद चमोली में चिकित्सक नहीं आना चाहते हैं। हेमकुंड व बदरीनाथ यात्रा मार्ग का कर्णप्रयाग अहम पड़ाव है। यहां वर्षभर पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में यहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो इसके लिए सरकार को गंभीरता से कार्य करना चाहिए। लेकिन बीते डेढ़ दशक से अस्पतालों के सौंदर्यीकरण व नए भवनों का निर्माण तो किया गया। लेकिन चिकित्सकों के अभाव में लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।

रामकृष्ण भट्ट

यह सच है कि तीर्थनगरी कर्णप्रयाग में शासन नमामि गंगे के तहत शवदाह व घाट निर्माण कर रही है। बेहतर होता प्राथमिकता से चिकित्सकों की तैनाती को प्राथमिकता दी जाती। जिससे आमजन के साथ यहां पलायन भी रुकता और पहाड़वासियों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलता।उद्धव प्रसाद देवली। पूरे चमोली जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति है, ऐसा लगता है उपचार के नाम पर खानापूर्ति हो रही है सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि हायर सेंटर रेफर की भूमिका में स्वास्थ्य केंद्र न रहें। इंद्रेश मैखुरी

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