उपजिला चिकित्सालय में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू

चारधाम यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव कर्णप्रयाग में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचों को बचाने के लिए स्वास्थ्य महकमा तेजी से तैयारी करने में जुटा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 03:00 AM (IST)
उपजिला चिकित्सालय में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू
उपजिला चिकित्सालय में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू

कालिका प्रसाद,

कर्णप्रयाग : चारधाम यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव कर्णप्रयाग में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य महकमा तेजी से तैयारी करने में जुटा है। इसके लिए उपजिला चिकित्सालय में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम भी शुरू हो गया है। प्लांट तैयार करने का जिम्मा रुरल वर्क डिपार्टमेंट आरडीडब्ल्यू को सौंपा गया है। प्लांट 15 अगस्त तक तैयार हो जाएगा।

बीते दिनों उपजिला चिकित्सालय में पीएसए सेंटर आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी की ओर से स्थलीय निरीक्षण किया गया था, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका था। अब शासन से स्वीकृति मिलने के बाद आक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में मरीजों के लिए चार वार्ड चालू हालत में है, जिसमें 40 मरीजों के उपचार की व्यवस्था है। लेकिन वाडरें में आक्सीजन की आपूर्ति आक्सीजन कंसन्ट्रेटर के सहारे की जाती है। चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ सर्जन डा. राजीव शर्मा ने बताया आक्सीजन प्लांट स्थापित होने से गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा. केके अग्रवाल ने बताया कि एनएचएम के माध्यम से कर्णप्रयाग में ट्रामा सेंटर भवन में बच्चों के लिए 20 बेड का वार्ड तैयार किए जाने की योजना है, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से निपटा जा सके।

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संसाधन की राह ताक रहा ट्रामा सेंटर

कर्णप्रयाग: उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग के अधीन राजमार्ग पर स्थित ट्रॉमा सेंटर भवन संसाधनों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की राह ताक रहा है। कहने को यहां दो मंजिला भवन, आपरेशन कक्ष सहित आधा दर्जन से अधिक वार्ड और ओपीडी कक्ष तैयार है, लेकिन संसाधनों के अभाव में भवन शोपीस बना है।

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छह चिकित्सकों के पद खाली

इसी तरह उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में बीते दो दशक से दो फीजिशयन, एक पैथोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिक सर्जन व बाल रोग विशेषज्ञ के पद खाली चल रहे हैं, जबकि वर्तमान में 21 चिकित्सकों के सापेक्ष 15 की तैनाती है। वहीं लैब टेक्नीशियन कर्णप्रयाग उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में ज्वाइंनिग के बाद हरिद्वार कुंभ डूयूटी के 6 माह बाद से नही लौट सके हैं जिससे एक टेक्निशियन के सहारे किसी तरह कोविड टेस्ट सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। जबकि नेत्र विशेषज्ञ का पद भी एक दशक से रिक्त चल रहा है।

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