वन प्रभाग भवन अब ग्रोथ सेंटर के रूप में होगा संचालित
सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो जनपद चमोली के केन्द्रवर्ती स्थल कर्णप्रयाग स्थित अलकनंदा वन प्रभाग के जर्जर हो रहे भवन नवनिर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां स्थानीय उत्पादों को पहचान देने के लिए वन महकमा इसे ग्रोथ सेंटर का रूप देगा।
-फोटो-22केपीआरपी-1 कर्णप्रयाग स्थित अलकनंदा वन प्रभाग का जर्जर भवन
संवाद सूत्र, नारायणबगड़:
सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो जनपद चमोली के केन्द्रवर्ती स्थल कर्णप्रयाग स्थित अलकनंदा वन प्रभाग के जर्जर हो रहे भवन नवनिर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां स्थानीय उत्पादों को पहचान देने के लिए वन महकमा इसे ग्रोथ सेंटर का रूप देगा। जिससे कर्णप्रयाग सहित पिंडरघाटी के काश्तकारों को अपनी उपज को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी।
दरअसवल वर्ष 2007 तक भवन पर प्रभागीय वनाधिकारी ऊपरी गंगा जलागम प्रबंधन क्षेत्र कार्यालय संचालित था। लेकिन इसके रूद्रप्रयाग स्थान्तरित होने के कुछ समय बाद वन पंचायत क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने की बात कही गई और वर्ष 2012 में शासनस्तर से वन संरक्षक की तैनाती भी हुई। लेकिन शासनस्तर से क्षेत्रीय कार्यालय संचालित करने की हरी झंडी न मिलने से भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया। कुछ समय बाद वन सरपंचों का क्षेत्रीय कार्यालय संचालित किए जाने व अलकनंदा वन प्रभाग का कार्यालय खोले जाने, वन विकास निगम कार्यालय संचालन पर चर्चा रही जो आज तक पूरी नही हो सकी। लेकिन अब वन विभाग के अधिकारियों की माने तो कर्णप्रयाग जनपद चमोली का केन्द्रवर्ती स्थल है ऐसे में वन विभाग के पुराने भवन को नया रूप देने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है जर्जर भवन ध्वस्तीकरण व नव निर्माण उपरांत यहां में स्थानीय कृषकों की आय बढ़ाने में वन विभाग मदद करेगा। भवन को ग्रोथ के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने के साथ स्थानीय उपजों को संग्रह करने की सुविधा होगी और बाजार उपलब्ध होने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। वन विभाग के संग्रह केन्द्र व विपणन केन्द्र की स्थापना होने से फल परिसंस्करण जिसमें अचार, मुरब्बा, मसाला बनाने की यूनिट के साथ सिलाई, बुनाई, व कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा जिससे सरकार के लोकल-फॉर वोकल के तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार से जुड़ने का सपना पूरा हो सके।
सामाजिक कार्यकत्र्ता इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि वर्ष 2013 में जर्जर भवन की मरम्मत पर विभाग द्वारा चार लाख की राशि व्यय कर रख-रखाव की कोशिश शुरू की गई। बकायदा यहां चौकीदार की तैनाती कर सफाई आदि की व्यवस्था का दावा कर वन विभाग की कार्य योजना संबधी कार्यालय का बोर्ड चस्पा कर अनावश्यक रूप से धन की बर्बादी की और अब 13 साल बाद बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के नाम पर ग्रोथ सेंटर विकसित करने की बात कही जा रही है जिसमें कितनी सच्चाई होगी यह भविष्य ही तय करेगा।
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वन महकमे की परिसंपत्तियों को सुधारे जाने के साथ जीर्ण-शीर्ण भवनों का कायाकल्प करने की योजना है और वन विभाग कर्णप्रयाग स्थित अलकनंदा वन प्रभाग भवन के स्थान पर ग्रोथ सेंटर विकसित होगा। जहां बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के अवसर उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग संग्रह केन्द्र संचालित करेगा। गैर खाद्यप्रसंस्करण की यूनिट स्थापित होने से इसका लाभ मिलेगा।
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नित्यानंद पांडे, वन संरक्षक गढ़वाल