टीएचडीसी ने प्रभावितों को भेजा जब्त सामग्री ले जाने का नोटिस
टीएचडीसी की विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों को अभी आसरा भी नहीं मिल पाया है। लेकिन टीएचडीसी ने भवन ध्वस्तीकरण के बाद परियोजना परिसर में रखे गए सामान को ले जाने का नोटिस जारी कर दिया है। इससे प्रभावितों में आक्रोश है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: टीएचडीसी की विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों को अभी आसरा भी नहीं मिल पाया है। लेकिन टीएचडीसी ने भवन ध्वस्तीकरण के बाद परियोजना परिसर में रखे गए सामान को ले जाने का नोटिस जारी कर दिया है। इससे प्रभावितों में आक्रोश है।
प्रभावितों का कहना है कि उनके आवासीय भवनों को ध्वस्त किए जाने के बाद वे फिलहाल नाते, रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। ऐसे में वह सामान कहां रखेंगे। गौरतलब है कि 22 सितंबर को टीएचडीसी ने परियोजना प्रभावित हाट गांव के सभी भवनों का ध्वस्तीकरण कर दिया था। जबकि भवनों के अंदर रखा सामान टीएचडीसी के हाट स्थित परियोजना परिसर में रखा गया है। हाट गांव के प्रभावित मुकेश चंद्र गैरोला ने बताया कि बिना बताए टीएचडीसी की ओर से भवनों का ध्वस्तीकरण करने के बाद उनके सामने आसरे का संकट बना हुआ है। बताया कि वह पीपलकोटी में एक होटल में रह रहे हैं। जबकि पत्नी व बच्चों को नाते रिश्तेदारों के यहां रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिस दिन हाट गांव का ध्वस्तीकरण किया गया उस दिन उन्हें घर से पर्स निकालने तक का समय नहीं दिया गया।
हाट गांव के ही अनुसूया प्रसाद हटवाल, भगवती प्रसाद हटवाल, नीता हटवाल, चंद्रकला हटवाल, दीपक गैरोला भी उन प्रभावितों में से हैं जिनके पास अपने भवन नहीं हैं। इन प्रभावितों का कहना है कि प्रशासन की सह पर टीएचडीसी ने जबरन उनके भवनों को तोड़ा है। उन्हें मौका तक नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि अब टीएचडीसी की ओर से जब्त सामान ले जाने का नोटिस प्रभावितों को दिया जा रहा है। इधर, परियोजना प्रभावित हरसारी गांव के 12 परिवारों ने भी टीएचडीसी पर मुआवजा न देने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।