घाट मामले में पांच आंदोलनकारियों को समन
जिला न्यायालय ने नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के डबल लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर जाम लगाने पर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य गुड्डू लाल समेत पांच आंदोलनकारियों को 20 अक्टूबर के लिए समन जारी किया है। इस मामले में पुलिस गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज की घटना की भी विवेचना कर रही है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जिला न्यायालय ने नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के डबल लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर जाम लगाने पर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य गुड्डू लाल समेत पांच आंदोलनकारियों को 20 अक्टूबर के लिए समन जारी किया है। इस मामले में पुलिस गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज की घटना की भी विवेचना कर रही है।
नंदप्रयाग घाट सड़क के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र के निवासियों ने 10 जनवरी को 19 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी। इस दौरान पांच व्यक्ति जिला पंचायत के पूर्व सदस्य गुड्डू लाल, मदन सिंह, पूरण सिंह, दीपक रतूड़ी और महावीर सिंह आमरण अनशन पर भी बैठे थे। अनशन पर बैठे व्यक्तियों का स्वास्थ्य बिगड़ते देख प्रशासन ने 14 जनवरी को सुबह पांच बजे धरनास्थल पर भारी मात्रा में पुलिस बल मंगवाकर इन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती करवाने का प्रयास किया था। प्रशासन की कार्रवाई का व्यापारियों, टैक्सी यूनियन व क्षेत्र के निवासियों ने विरोध किया था। विरोध में बाजार बंद रहे तथा चक्काजाम भी किया था। घाट में पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुड्डू लाल मोबाइल टावर पर चढ़ गए थे और पुलिस फोर्स को धरनास्थल से वापस जाने की मांग की थी। इस दौरान पुलिस ने आत्मदाह करने के प्रयास, सड़क जाम करने सहित कई अन्य धाराओं में पांच व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके अलावा, 50 से अधिक आंदोलनकारियों पर विधानसभा घेराव के दौरान दिवालीखाल में मामला दर्ज किया था। घाट में पांच आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट ने पांचों को 20 अक्टूबर को जिला न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इधर, आंदोलन से जुड़े क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक रतूड़ी, गुड्डू लाल आदि का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद भी मुकदमे वापसी को लेकर सरकारी तंत्र कछुआ गति से कार्य कर रहा है। लाठीचार्ज के बाद दर्ज मुकदमों में कई महिलाएं भी पुलिस ने नामजद की थी। कहा कि वह क्षेत्र के हित में जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन भोले भाले ग्रामीणों पर दर्ज किए मुकदमों को सरकार को वापस लेने पर विचार करना चाहिए।
तत्कालीन सीएम के कहने पर भी नहीं हुए मुकदमे वापस
गोपेश्वर: सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने घाट आंदोलन से जुड़े मुकदमों को वापस किए जाने की बात कही गई थी, जिसमें थराली विधायक मुन्नी शाह की ओर से भी वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस किए जाने का अनुरोध पत्र दिया गया था। इस पर गृह विभाग ने जिलाधिकारी चमोली से मुकदमों के वापसी के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन मामला जस का तस है।