नहीं खुली भूस्खलन से बंद सड़कें, ग्रामीणों में उबाल

बारिश से बंद सड़कों से अभी तक मलबा न हटाए जाने और क्षतिग्रस्त दीवारों व नालियों की मरम्मत न किए जाने से ग्रामीणों में उबाल है। उर्गम डुंग्री मैकोट गाड़ी सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों के निर्माण के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन बरसात के दौरान लंबे समय तक सड़कों को न खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सड़कों को खुलवाने की मांग को लेकर अब ग्रामीणों ने आंदोलन का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 05:46 PM (IST)
नहीं खुली भूस्खलन से बंद सड़कें, ग्रामीणों में उबाल
नहीं खुली भूस्खलन से बंद सड़कें, ग्रामीणों में उबाल

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बारिश से बंद सड़कों से अभी तक मलबा न हटाए जाने और क्षतिग्रस्त दीवारों व नालियों की मरम्मत न किए जाने से ग्रामीणों में उबाल है। उर्गम, डुंग्री मैकोट, गाड़ी सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों के निर्माण के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन बरसात के दौरान लंबे समय तक सड़कों को न खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सड़कों को खुलवाने की मांग को लेकर अब ग्रामीणों ने आंदोलन का निर्णय लिया है।

लगातार बारिश के चलते चमोली जिले में 30 से अधिक संपर्क सड़कें बंद हैं। कहीं ग्रामीण श्रमदान कर सड़कों पर यातायात सुचारू कर रहे हैं तो जहां स्थिति भयावह है, वहां सड़कें बंद होने से ग्रामीण गांवों में ही कैद होकर रह गए हैं। जोशीमठ विकासखंड की उर्गम घाटी में एक सप्ताह बाद भी हेलंग-उर्गम सड़क को नहीं खोला जा सका है। यह सड़क सात से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त है। दशोली विकासखंड की निजमूला घाटी के दर्जनभर गांवों को जोड़ने वाली बिरही-निजमूला सड़क भी एक सप्ताह से बंद पड़ी है। इस सड़क का 350 मीटर हिस्सा गाड़ी गांव के पास भूस्खलन से जमींदोज हो गया है। डुंग्री मैकोट सड़क पर भी तीन से अधिक स्थानों पर सड़क भूस्खलन से टूट चुकी है। भूस्खलन के ऊपर से ही जान जोखिम में डालकर वाहनों की आवाजाही कराई जा रही है। सड़कों के बंद होने के बाद निर्माण एजेंसियों की ओर से खोलने की कार्रवाई न किए जाने से ग्रामीणों में उबाल है। ल्यारी के प्रधान अनूप नेगी, डुंग्री गांव के आनंद सिंह झिक्वांण, गाड़ी क्षेत्र के सबरी लाल सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र ही सड़कों को नहीं खोला जाता है तो ग्रामीण आंदोलन को विवश होंगे। इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजे हैं।

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जर्जर पुलिया दे रही हादसे को न्योता

सिमली: तहसील कर्णप्रयाग के अंतर्गत सिमली-शैलेश्वर, टटासू, बेनीताल मोटर मार्गों पर बनी पुलिया बरसात के दौरान हुए भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त पड़ी है। क्षतिग्रस्त पुलिया के ऊपर से ही वाहनों की आवाजाही कराई जा रही है, जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। अधिकतर सड़कों पर नब्बे के दशक में पुलिया का निर्माण किया गया था। कहीं पुलिया की रेलिग टूटी है तो कहीं एबेडमेंट के नीचे भूस्खलन से पुलिया टूटने की कगार पर है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तत्काल इन सड़कों पर बनी पुलिया की मरम्मत की मांग की है।

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