चीन सीमा पर पहाड़ी टूटकर धौली गंगा में गिरी
चीन सीमा से लगे जोशीमठ-मलारी-नीती राष्ट्रीय राजमार्ग पर नीती गांव के निकट पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर धौली गंगा में आ गिरा। इससे तकरीबन 20 मीटर हिस्से में धौली गंगा का प्रवाह धीमा हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाइवे के चौड़ीकरण का कार्य कर रही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की निर्माण एजेंसी ओएसिस सड़क चौड़ीकरण का मलबा धौली गंगा में डाल रही है। इसी से यह समस्या आ खड़ी हुई।
संवाद सूत्र, जोशीमठ (चमोली):
चीन सीमा से लगे जोशीमठ-मलारी-नीती राष्ट्रीय राजमार्ग पर नीती गांव के निकट पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर धौली गंगा में आ गिरा। इससे तकरीबन 20 मीटर हिस्से में धौली गंगा का प्रवाह धीमा हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाइवे के चौड़ीकरण का कार्य कर रही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की निर्माण एजेंसी ओएसिस सड़क चौड़ीकरण का मलबा धौली गंगा में डाल रही है। इसी से यह समस्या आ खड़ी हुई। उधर, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने मामले में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को मौके पर जाकर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर वन विभाग व प्रशासन की टीम मौके पर भेजी गई है। हालांकि, स्थानीय निवासियों से बातचीत के आधार पर पता चला कि वहां झील से खतरे जैसी कोई बात नहीं है।
जोशीमठ-मलारी-नीती हाइवे पर इन दिनों निर्माण एजेंसी ओएसिस सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रही है। एजेंसी पर बार-बार चौड़ीकरण का मलबा धौली गंगा में गिराने के आरोप लगते रहे हैं। कुछ समय पूर्व जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने संयोजक अतुल सती ने भी इंटरनेट मीडिया पर नीती गांव के पास धौली गंगा में डंपिग जोन का मलबा डाले जाने का आरोप लगाया था। उनका यह भी कहना था कि मलबा धौली गंगा में डाले जाने से वहां झील आकार ले रही है। जबकि, बीआरओ का कहना है कि भूस्खलन के दौरान पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा धौली गंगा में गिरने के कारण कुछ दूरी तक पानी झील का आकार ले रहा है। लेकिन, वहां नदी का प्रवाह थमा नहीं है। लिहाजा झील से खतरे जैसी कोई बात नहीं है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी नंदा बल्लभ शर्मा ने बताया कि पहले भी शिकायत के बाद निर्माण एजेंसी पर जुर्माना लगाया जा चुका है। फिलहाल मौके का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का पता लगाया जा रहा है। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाइवे चौड़ीकरण के दौरान जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। यहां पर भी भूस्खलन के चलते बोल्डर धौली गंगा में गिरे हुए हैं हैं। लेकिन, इससे किसी तरह का खतरा नहीं है।
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सुप्रीम कोर्ट को भेजा पत्र
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने नीती हाइवे के चौड़ीकरण का मलबा धौली गंगा में गिराए जाने पर आक्रोश जताते हुए इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को पत्र भेजा है। पत्र में समिति के संयोजक अतुल सती व सचिव कमल रतूड़ी ने कहा कि हाइवे के चौड़ीकरण में पर्यावरण मानकों की अनदेखी भविष्य में बड़ी आपदाओं का जन्म देगी। लिहाजा, इसके लिए जिम्मेदार संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के माध्यम से भेजे गए इस पत्र में उल्लेख है कि यह नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क का संरक्षित क्षेत्र है। बावजूद इसके यहां चौड़ीकरण का मलबा सीधे धौली गंगा में डाले जाने से नीती से डेढ़ किमी पहले एक झील सी बन गई है।