रैणी में महिलाओं ने रोका हाईवे निर्माण कार्य

जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर रैणी गांव में चार दिन बाद सीमा सडक संगठन ने सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:58 PM (IST)
रैणी में महिलाओं ने रोका हाईवे निर्माण कार्य
रैणी में महिलाओं ने रोका हाईवे निर्माण कार्य

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर रैणी गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से शुरू किया सड़क निर्माण महिलाओं ने रुकवा दिया। इस दौरान महिलाएं पहले मुआवजा, फिर निर्माण की मांग पर अड़ी रही। इससे पहले भी एक बार ग्रामीणों ने काम रुकवा दिया था। इस दौरान ग्रामीणों और प्रशासन के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी और तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ठ की मध्यस्थता में काम शुरू करा दिया गया था। हालांकि एक घंटे काम चलने के बाद महिलाओं ने फिर से काम रुकवा दिया। फिलहाल ग्रामीणों से सहमति न बन पाने के कारण भूस्खलन स्थल से सरकारी भूमि पर ही सड़क कटिग किया जा रहा था।

बता दें कि अतिवृष्टि से रैणी गांव में जोशीमठ-मलारी हाईवे का 40 मीटर हिस्सा जमींदोज हो गया था। इसके चलते चीन सीमा से जुड़े गांवों के साथ ही सेना व आइटीबीपी की चौकियों का संपर्क भी कट गया है। इससे ग्रामीणों समेत सेना के कई वाहन भी रैणी के दूसरे छोर पर फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर हाईवे क्षतिग्रस्त हुआ, वहां भूस्खलन क्षेत्र होने के कारण दोबारा सड़क निर्माण संभव नहीं है। लिहाजा प्रशासन गांव के बीच से सड़क निर्माण की रणनीति बना रहा है। इसके लिए प्रशासन, सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच बातचीत चल रही है। गुरुवार को तहसीलदार जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ग्रामीणों से वार्ता करने पहुंचे। बताया जा रहा है कि रैणी के ग्रामीण पहले मुआवजा और विस्थापन की मांग पर अड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सात फरवरी को ऋषिगंगा में आई बाढ़ के कारण पूरा गांव रहने लायक नहीं है। प्रशासन से विस्थापन की मांग लगातार की जा रही है, लेकिन प्रशासन अभी तक सिर्फ सर्वेक्षण पर ही सिमटा है। वहीं सड़क निर्माण के लिए रैणी गांव में गौरा देवी की मूर्ति को निकाला गया है। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति दूसरे स्थान पर शिफ्ट की जाएगी।

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लिखित रूप में दें मुआवजा और विस्थापन का आश्वासन

रैणी में मलारी हाईवे पर क्षतिग्रस्त सड़क के ऊपर से सड़क कटिंग का ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि जहां से सड़क निर्माण किया जा रहा है, उस जगह से रैणी गांव के 14 परिवारों की नापभूमि व भवन जद में आ रहे हैं। पहले प्रशासन लिखित रूप से उन्हें विस्थापन व मुआवजे को लेकर कार्रवाई का भरोसा दे, फिर सड़क का निर्माण शुरू किया जाए। इसे लेकर महिलाओं ने गुरुवार को ही शुरू हुआ सड़क निर्माण रोक दिया।

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सेना ट्राली से ले जा रही सामान

रैणी में हाईवे क्षतिग्रस्त होने के बाद सैन्य वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। अभी सड़क निर्माण में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में सेना की ओर से रैणी में आपदा के दौरान लगाई गई ट्राली से सैन्य सामग्री को आरपार कराया जा रहा है।

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एक घंटे काम के बाद महिलाओं ने फिर काम रोक दिया है। यहां अब 150 मीटर सड़क की कटिग होनी है। अगर कोई व्यवधान नहीं हुआ तो एक हफ्ते में सड़क निर्माण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीआरओ अलर्ट मोड में है। तीन जेसीबी मशीनें और 50 मजदूर मौके पर तैनात किए गए हैं।

मनीष कपिल, बीआरओ कमांडर

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चिपको नेत्री गौरा देवी के गांव रैणी में मार्ग निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी के गांव में उनका भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की गई है। साथ ही भूगर्भीय सर्वे के बाद प्रभावितों को मुआवजा और पुनर्वास की कार्यवाही त्वरित गति से करने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं।

महेंद्र भट्ट, विधायक बदरीनाथ

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